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10 एवं 12 वीं कक्षा की लंबित बोर्ड परीक्षा रद्द होने के बावजूद छात्रों की चिंता बढ़ी?

नयी दिल्ली, कोरोना वायरस महामारी को देखते हुये लंबित परीक्षाओं को रद्द करने के सीबीएसई के निर्णय के बावजूद छात्रों की चिंता कम नहीं हुयी है, जिनका कहना है कि उन्हें नहीं पता कि आगे क्या होगा और यह किस प्रकार उनके नामांकन, आगे की शिक्षा एवं करियर को प्रभावित करेगा ।

सीबीएसई की घोषणा के बावजूद छात्रों के मन मे सवाल है, कि क्या परीक्षा पूरी तरह रद्द हो चुकी है, या इसे वैकल्पिक बनाया गया है । आंतरिक मूल्यांकन के मानदंड क्या होंगे? इस कदम से स्नातक स्तर पर नामांकन पर क्या प्रभाव होगा ? आदि आदि ।

कक्षा बारहवीं के छात्र ने कहा, ‘‘ इसमें स्पष्टता नहीं है। ’’

इसी कक्षा की छात्रा ने कहा, ‘‘ किन तीन अंतिम परीक्षाओं की वे बात कर रहे हैं? वे औसत का निर्धारण कैसे करेंगे ।’’ ये सवाल छात्रों के जेहन में हैं जिससे वे चिंचित हैं । इन छात्रों की बोर्ड परीक्षा कोविड—19 के कारण मार्च में रद्द कर दी गयी थी और जो जुलाई में होना था ।

हालांकि, उच्चतम न्यायालय को गुरूवार को यह बताया गया कि सीबीएसई एवं आईसीएसई बोर्ड की 10 वीं एवं 12 वीं कक्षा की लंबित बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी गयी है । सीबीएसई बोर्ड ने इस संबंध में कोई अधिसूचना जारी नहीं की है लेकिन शीर्ष न्यायालय ने बोर्ड को शुक्रवार तक मामले में हलफनामा दायर करने के लिये कहा है ।

छात्रों ने इस संबंध में एक आनलाइन याचिका भी शुरू की है । उनका कहना है कि यह छात्रों के शैक्षणिक भविष्य के लिहाज से उचित नहीं होगा।