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धोबी समाज के हितों की रक्षा के लिए करेंगे संघर्ष : चिंतामणि

लखनऊ, विश्व रजक महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिंतामणि की अध्यक्षता में शासी निकाय एवं सामान्य सभा की लखनऊ में बैठक संपन्न हुई, जिसमें पश्चिमी यूपी, मध्य यूपी एवं पूर्वी यूपी के अध्यक्षों के आलावा पंजाब, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, असम, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र आदि राज्यों के अध्यक्षों व अन्य पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया। बैठक में विभिन्न राज्यों के लगभग दो सौ प्रतिनिधियों व पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया। बैठक में पूर्व निर्धारित एजेंडा बिन्दुओं पर बिन्दुवार चर्चा एवं विचार-विमर्श के बाद कई निर्णय लिए गए। बैठक में महासंघ के संस्थापक रंजीत कुमार ने सर्वप्रथम राष्ट्रीय अध्यक्ष चिंतामणि के प्रति सफल आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया। बैठक में धोबी समाज के हितों की रक्षा के लिए मिलकर संघर्ष करने का निर्णय लिया गया।

बैठक में सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष चिंतामणि के चयन का अनुमोदन किया गया। एजेंडा के प्रथम बिंदु में सभी प्रांतीय अध्यक्षों को जिला समितियों का गठन करके महासंघ को विवरण उपलब्ध कराना था, लेकिन किसी भी अध्यक्ष ने विवरण उपलब्ध नहीं कराया, जिसपर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने असंतोष व्यक्त किया, बैठक में उपस्थित अध्यक्षों ने बताया कि जिला समितियों के गठन का कार्य प्रक्रिया में है, अगली बैठक के पूर्व दो माह में उपलब्ध करा दिया जायेगा। एजेंडा के दूसरे बिंदु बाईलाज में आवश्यक संशोधन का अनुमोदन किया गया, जिसमें केंद्रीय व राज्य स्तरीय पदाधिकारियों के चयन एवं हटाये जाने का अधिकार शासी निकाय में विहित करने का निर्णय लिया गया एवं जिला कमेटियों के चयन का अनुमोदन प्रांतीय अध्यक्ष की संस्तुति पर शासी निकाय से कराये जाने का निर्णय लिया गया। महासंघ के आय के साधनों में सामान्य सदस्यता शुल्क सौ रूपया वार्षिक, आजीवन सदस्यता शुल्क एक हजार रुपये और आर्थिक सहायता किसी भी धनराशि के रूप में प्राप्त करने का निर्णय लिया गया।

महासंघ का बैंक खाता यथावत एक रहेगा, जिसका संचालन कोषाध्यक्ष एवं वरिष्ठ महासचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जायेगा, कोई भी धनराशि निकालने से पूर्व कोषाध्यक्ष एवं वरिष्ठ महासचिव के संयुक्त लिखित प्रस्ताव पर राष्ट्रीय अध्यक्ष की अनुमति प्राप्त करनी होगी तत्पशयत धनराशि निर्धारित मद पर व्यय करके उसके व्यय बाउचर कोषाध्यक्ष एवं वरिष्ठ महासचिव द्वारा समायोजन हेतु राष्ट्रीय अध्यक्ष से अनुमोदित कराएँगे। महासंघ का राज्यों में कोई खाता नहीं होगा। आकस्मिक स्थिति में किसी भी विषय पर वरिष्ठ महासचिव की संस्तुति पर राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्णय ले सकते हैं जिसका अनुमोदन आगामी शासी निकाय/ सामान्य सभा से कराना होगा।

सदस्यता एवं आर्थिक सहयोग की अलग-अलग रसीदें कोषाध्यक्ष एवं वरिष्ठ महासचिव छपवाना सुनिश्चित करेंगे एवं राज्य अध्यक्षों को प्राप्त कराएँगे व उनसे रसीदों की धनराशि प्राप्त करके लेखा अभिलेखों में इन्द्रज करके महासंघ के बैंक खाते में जमा करेंगे। रसीदें ख़त्म होने व उनकी धनराशि प्राप्त होने के बाद ही दूसरी रसीदें राज्य अध्यक्षों को प्राप्त कराई जाएगी। कुछ आवश्यक महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए गए। वरिष्ठ महासचिव को निर्देश दिए गए कि बैठक में लिए गए निर्णयों का कार्यवृत्त रजिस्टर में अंकित कर राष्ट्रीय अध्यक्ष को अवलोकित कराकर उनका हस्ताक्षर कराएँ। राष्ट्रीय अध्यक्ष चिंतामणि ने सभी को महासंघ के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए इक्षाशक्ति एवं लगन से कार्य करने के लिए अनुरोध किया एवं बैठक की कार्यवाही की समाप्ति की घोषणा की।