दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ का दावा, आजमगढ़ को फिल्म निर्माण का गढ़ बनाऊंगा
April 7, 2019
लखनऊ, आजमगढ़ सीट से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रहे भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ का कहना है कि अगर मैं सांसद बना तो आजमगढ़ को फिल्म निर्माण का गढ़ बनाऊंगा।
भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार निरहुआ का कहना है ‘मैंने हमेशा ही मुश्किल डगर चुनी है, अगर आसान डगर लूंगा तो जीना बेकार है। मुझे असम्भव को सम्भव बनाना है।’
यह पूछे जाने पर कि फिल्मी हस्तियां अक्सर अपने कॅरियर और राजनीति के बीच तालमेल नहीं बैठा पाती है, भोजपुरी स्टार ने कहा ‘तालमेल नहीं बैठा पाते हैं, क्योंकि वे फिल्म जगत का मोह नहीं छोड़ पाते। मैं पूरी तरह यहीं रहूंगा। एक—दो अच्छी फिल्में बनानी होंगी तो यहीं बना लूंगा। अगर मैं सांसद बना तो आजमगढ़ को फिल्म निर्माण का गढ़ बनाऊंगा।’
उन्होंने कहा ‘आजमगढ़ में लोग चुनाव जीतने के लिये आते हैं और जीतकर निकल जाते हैं। ऐसे थोड़े ही चलेगा। हम पूर्वांचल के हैं। हम लोगों का सपना है कि हमारा आजमगढ़ भी बने—संवरे ताकि दुनिया देखे। अब जो लोग खाली जीतने आते हैं, उन्हें तो भगाना ही पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि पूर्वांचल उनका घर है और वह यहां की मूल समस्याओं से वाकिफ हैं। उनका दर्शक वर्ग गरीब तबका है। उसे कहीं ना कहीं जाति, धर्म के नाम पर सिर्फ इस्तेमाल किया जाता है। जब उसको सम्मान देने की बात आती है तो हर पार्टी पीछे हट जाती है।
निरहुआ ने बसपा प्रमुख मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा ‘बहन जी दलितों की राजनीति करती हैं, मगर 38 में से एक भी सीट पर दलित को टिकट नहीं दिया।
अखिलेश यादवों के नेता बनते हैं। वह बताएं कि उन्होंने पूर्वांचल में कितने यादवों को टिकट दिया है?’ उन्होंने कहा कि भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसमें लोकतंत्र बाकी है। इसके साधारण कार्यकर्ता में भी अगर क्षमता है तो वह देश का प्रधानमंत्री बन सकता है।
उनका कहना है कि अखिलेश ‘भैया’ के खिलाफ उनकी लड़ाई दरअसल विचारों की जंग है। उन्हें विश्वास है कि वह इसमें जीत हासिल करेंगे।
लखनऊ, आजमगढ़ सीट से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रहे भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ का कहना है कि अगर मैं सांसद बना तो आजमगढ़ को फिल्म निर्माण का गढ़ बनाऊंगा।
भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार निरहुआ का कहना है ‘मैंने हमेशा ही मुश्किल डगर चुनी है, अगर आसान डगर लूंगा तो जीना बेकार है। मुझे असम्भव को सम्भव बनाना है।’
यह पूछे जाने पर कि फिल्मी हस्तियां अक्सर अपने कॅरियर और राजनीति के बीच तालमेल नहीं बैठा पाती है, भोजपुरी स्टार ने कहा ‘तालमेल नहीं बैठा पाते हैं, क्योंकि वे फिल्म जगत का मोह नहीं छोड़ पाते। मैं पूरी तरह यहीं रहूंगा। एक—दो अच्छी फिल्में बनानी होंगी तो यहीं बना लूंगा। अगर मैं सांसद बना तो आजमगढ़ को फिल्म निर्माण का गढ़ बनाऊंगा।’
उन्होंने कहा ‘आजमगढ़ में लोग चुनाव जीतने के लिये आते हैं और जीतकर निकल जाते हैं। ऐसे थोड़े ही चलेगा। हम पूर्वांचल के हैं। हम लोगों का सपना है कि हमारा आजमगढ़ भी बने—संवरे ताकि दुनिया देखे। अब जो लोग खाली जीतने आते हैं, उन्हें तो भगाना ही पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि पूर्वांचल उनका घर है और वह यहां की मूल समस्याओं से वाकिफ हैं। उनका दर्शक वर्ग गरीब तबका है। उसे कहीं ना कहीं जाति, धर्म के नाम पर सिर्फ इस्तेमाल किया जाता है। जब उसको सम्मान देने की बात आती है तो हर पार्टी पीछे हट जाती है।
निरहुआ ने बसपा प्रमुख मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा ‘बहन जी दलितों की राजनीति करती हैं, मगर 38 में से एक भी सीट पर दलित को टिकट नहीं दिया।
अखिलेश यादवों के नेता बनते हैं। वह बताएं कि उन्होंने पूर्वांचल में कितने यादवों को टिकट दिया है?’ उन्होंने कहा कि भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसमें लोकतंत्र बाकी है। इसके साधारण कार्यकर्ता में भी अगर क्षमता है तो वह देश का प्रधानमंत्री बन सकता है।
उनका कहना है कि अखिलेश ‘भैया’ के खिलाफ उनकी लड़ाई दरअसल विचारों की जंग है। उन्हें विश्वास है कि वह इसमें जीत हासिल करेंगे।