लखनऊ , उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज मंत्रिमंडल ने धर्मार्थ कार्य विभाग में निदेशालय के गठन सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
धर्मार्थ कार्य विभाग में निदेशालय का मुख्यालय वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद द्वारा उपलब्ध कराए गए भवन में होगा जबकि निदेशालय का उप कार्यालय कैलाश मानसरोवर भवन, गाजियाबाद में होगा। निदेशालय में निदेशक के अलावा दो संयुक्त निदेशक के पद सृजित होंगे। इनके अलावा लेखाधिकारी, कार्यालय अधीक्षक, स्टेनो/आशुलिपिक, स्थापना सहायक, कम्प्यूटर सहायक, ड्राइवर, अनुसेवक आदि पदों का सृजन किया जाएगा।
गौरतलब है कि धर्मार्थ कार्य विभाग का सृजन वर्ष 1985 में किया गया था। धर्मार्थ कार्य विभाग में अभी तक निदेशालय नहीं था, जिससे धर्मार्थ कार्य विभाग की योजनाओं, परियोजनाओं के संचालन में प्रशासनिक कठिनाइयां होती थीं। निदेशालय के गठन से भविष्य में धर्मार्थ कार्य विभाग और अधिक सुदृढ़ तरीके से कार्य कर सकेगा।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के अनुरूप पर्यटन के उन्नयन के लिये सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, पौराणिक और स्थापत्य सम्बन्धी सौन्दर्य बोध विकसित और अनुरक्षित करने तथा अवस्थापना सुविधाओं के समयबद्ध विकास के लिये धर्मार्थ कार्य विभाग द्वारा सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में विभिन्न योजनाओं, परियोजनाओं का पर्यवेक्षण एवं क्रियान्वयन किया जा रहा है।
इन योजनाओं/परियोजनाओं में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर अधिनियम-1983 का गठन एवं संचालन प्रबन्धन, श्री काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद का गठन एवं संचालन, श्री कैलाश मानसरोवर भवन गाजियाबाद का निर्माण एवं प्रबन्धन, चित्रकूट परिक्रमा स्थल एवं भजन संध्या स्थल का निर्माण, अयोध्या भजन संध्या स्थल का निर्माण एवं प्रबन्धन, वैदिक विज्ञान केन्द्र बीएचयू वाराणसी, कैलाश मानसरोवर तीर्थ यात्रा अनुदान, सिन्धु दर्शन यात्रा अनुदान, राज गोपाल ट्रस्ट लखीमपुर खीरी/अयोध्या का प्रबन्धन, मौनी बाबा मेला जनपद बांदा का प्रबन्धन, श्री गोपाल मंदिर जनपद बांदा चरखारी मंदिर का प्रबन्धन, माँ बेला भवानी मंदिर जनपद बुलन्दशहर का प्रबन्धन, प्रदेश के महत्वपूर्ण पौराणिक स्थलों को पवित्र तीर्थ स्थल घोषित किया जाना, भिनगाराज संकट मोचन हनुमान जी मंदिर वाराणसी का प्रबन्धन, शाकम्भरी देवी सहारनपुर का प्रबन्धन, झांसी, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, जालौन, वाराणसी के विलीनीकृत मंदिरों को अनुदान आदि शामिल हैं।