लखनऊ , उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना पर मिशन मोड में काम करें और अगले एक सप्ताह में पांच लाख से अधिक आवेदन पत्रों को मंजूर कर कम से कम तीन लाख आवेदनों पर ऋण वितरण किया जाना सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने सोमवार शाम अपने सरकारी आवास पर प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत), मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना तथा धान क्रय केन्द्रों के संचालन की वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा करते हुये कहा कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अन्तर्गत प्रदेश में वर्तमान में प्राप्त आवेदनों की संख्या 5.57 लाख, स्वीकृत आवेदनों की संख्या 2.83 लाख है। यह देश में सर्वाधिक है। योजना के अन्तर्गत स्वीकृत आवेदनों के सापेक्ष वितरित ऋण की संख्या 99,000 है, जो देश में दूसरे स्थान पर है।
उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अन्तर्गत मिशन मोड में कार्य करते हुए अगले एक सप्ताह में 05 लाख से अधिक आवेदन पत्रों को स्वीकृत कराकर उनके सापेक्ष कम से कम 03 लाख आवेदनों पर ऋण वितरण किया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए जिलाधिकारी डिस्ट्रिक्ट लेवल बैंकर्स कमेटी की बैठक कर आवश्यक समन्वय बनाएं।
श्री योगी ने विभिन्न बैंकों के मुख्य महाप्रबन्धकों और महाप्रबन्धकों से इस कार्य में पूर्ण सहयोग प्रदान किए जाने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि योजना के अन्तर्गत प्रत्येक जिले और नगर निकाय के लिए लक्ष्य निर्धारित किया जाए। बैंकों द्वारा भी प्रत्येक ब्रांच को योजना के तहत लक्ष्य दिए जाएं।
उन्होने कहा कि 27 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के लाभार्थियों से संवाद करेंगे। यह संवाद का कार्यक्रम सभी नगर निकायों में आयोजित किया जाए। इसके लिए आवश्यक व्यवस्था अभी से कर ली जाए।
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विगत 03 वर्षों में भारत सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं में सम्मानजनक स्थान बनाया है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में भी राज्य द्वारा अग्रणी स्थान प्राप्त किया जाए, इसके लिए प्रभावी प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अभियान चलाकर प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) तथा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के गोल्डन कार्ड बनाए और वितरित किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक नवम्बर को प्रदेश का प्रत्येक गांव प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) से संतृप्त हो जाए। उन्होंने कहा कि शत-प्रतिशत पात्र लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड उपलब्ध कराने के लिए प्रभावी प्रयास किए जाएं।
उन्होने कहा कि प्रदेश में प्रस्तावित सभी 4,000 धान क्रय केन्द्रों का संचालन सुनिश्चित किया जाए। जिलाधिकारी आवश्यकतानुसार निर्णय लेकर अतिरिक्त क्रय केन्द्रों का संचालन कराएं तथा इस सम्बन्ध में शासन को भी अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि सभी क्रय केन्द्रों पर पूरी पारदर्शिता के साथ धान खरीद की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के अनुरूप ही धान का मूल्य प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि धान क्रय केन्द्रों पर किसानों को कोई समस्या पेश नहीं आनी चाहिए। किसान को परेशानी होने पर अथवा आर्थिक कदाचार की शिकायत प्राप्त होने पर जिलाधिकारी की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।