लखनऊ, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के आगरा मे कोरोना मरीजों की मौत पर किये गये ट्वीट को लेकर आगरा के जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह के प्रियंका गांधी को भेजे गये कड़े पत्र की बड़ी चर्चा है, लेकिन कांग्रेस ने इसे भ्रामक और फर्जी करार देकर योगी सरकार की “कारीगरी” बताया है।
आगरा के जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह का एक पत्र सोशल मीडिया में वायरल हुआ है जिसमें उन्होने श्रीमती वाड्रा को नोटिस दी है। कांग्रेस ने आगरा प्रशासन की तरफ से ऐसा कोई भी पत्र प्राप्त होने से इनकार किया है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि उसे आगरा प्रशासन से अभी तक ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ललन सिंह ने आगरा के जिलाधिकारी द्वारा श्रीमती वाड्रा को दिये गये नोटिस को भ्रामक और फर्जी करार दिया और कहा कि योगी सरकार के “कारीगर” फिर एक पत्र को मीडिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं, जिसमें कथित रूप से आगरा के ज़िलाधिकारी की ओर से श्रीमती प्रियंका गांधी को नोटिस देने की बात कही गई है। हैरानी की बात ये है कि ऐसा कोई पत्र अधिकृत रूप से कांग्रेस को मिला ही नहीं है। इन्हीं “कारीगरों” ने कुछ ऐसा ही कारनामा तब भी किया था, जब प्रवासियों की मदद के लिए प्रियंका गांधी जी ने बसें भेजी थीं।
उन्होने कहा “हम सच्चाई के राह पे चलने वाले कोंग्रेस के सिपाही है। ना डरे है और ना डरेंगे, हम लड़े है और लड़ेंगे।”
इससे पहले सोमवार को कांग्रेस महासचिव ने ट्वीट किया था कि “आगरा में 48 घंटे में भर्ती हुए 28 कोरोना मरीजों की मृत्यु हो गई। यूपी सरकार के लिए कितनी शर्म की बात है कि इसी मॉडल का झूठा प्रचार करके सच दबाने की कोशिश की गई। सरकार की नो टेस्ट=नो कोरोना पॉलिसी पर सवाल उठे थे लेकिन सरकार ने उसका कोई जवाब नहीं दिया। अगर यूपी सरकार सच दबाकर कोरोना मामले में इसी तरह लगातार लापरवाही करती रही तो बहुत घातक होने वाला है। ”