नई दिल्ली, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कोयंबटूर के अविनाशिलिंगम इंस्टीट्यूट फॉर होम साइन्स एंड हायर एजूकेशन फॉर वुमेन के 32वें दीक्षांत समारोह पर छात्राओं को उनकी डिग्री पूरी करने पर बधाई देते हुए कहा कि अपनी क्षमता को पहचाने एवं नवीनता और सृजनशीलता के साथ सशक्तीकरण की प्रक्रिया में लगे रहें और अर्जित ज्ञान को देश के हर क्षेत्र में ले जाने का प्रयास करें।
डॉ निशंक ने डिग्री प्राप्त करने वाली छात्राओं को बिना डरे आगे बढ़ने को प्रेरित करते हुए कहा, “आप कुछ बातों का पालन करके जीवन में सफलता प्राप्त कर सकती हैं। पहली, आप यह समझने की कोशिश करें कि आप क्या करने जा रही हैं। दूसरी, गहराई से विश्लेषण करें कि आप क्या हासिल करना चाहती हैं। तीसरी, केन्द्रित रहें। चौथी, अपना रोल मॉडल ढूंढ लें। पांचवीं, अनुभव इकठ्ठा करें, छठवीं, बड़े सपने देखें, सातवीं, गलतियों से सीखें। आठवीं, ईश्वर पर विश्वास करें और नौवीं, तब तक प्रयास करें जब तक आप सफल न हो जाएं।”
उन्होंने कहा कि यह संस्था यूजीसी के एक्ट 1956 के अधीन, अनुभाग 12वीं के तहत मान्यता प्राप्त एवं केंद सरकार की सहायता प्राप्त एक अनोखी डीड महिला विश्वविद्यालय है जो सामुदायिक विकास के उन्मुख सभी क्षेत्रों की महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में कार्यरत है। यह संस्थान एक बड़े वट वृक्ष के रूप में विकसित हुआ है और वर्तमान में यहां पर पीएचडी, एम.फिल, पीजी और यूजी कार्यक्रमों में 8233 छात्राएं पढ़ रही हैं। इस संस्थान के सात स्कूलों के गृह विज्ञान, भौतिक विज्ञान के तहत 34 विभाग शामिल हैं और कम्प्यूटेशनल विज्ञान, जैव विज्ञान, कला और सामाजिक विज्ञान, वाणिज्य और प्रबंधन, शिक्षा और इंजीनियरिंग के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और मूल्य की शिक्षा भी दी जाती है।
इस अवसर पर डॉ निशंक ने स्वामी विवेकानंद को याद करते हुए कहा कि स्वामी जी ने शिक्षा के नतीजे को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया है, “हम चाहते हैं कि शिक्षा वही है जिसके द्वारा चरित्र का निर्माण हो, मन की शक्ति बढ़े, बुद्धि का विकास हो और जिसके द्वारा व्यक्ति अपने पैरों पर खड़ा हो सके। इसके अलावा जब तक महिलाओं की स्थिति में सुधार नहीं होगा, दुनिया का कल्याण नहीं हो सकता, एक पक्षी के लिए एक पंख पर उड़ना संभव नहीं है।”
उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा के लिए दिए गए प्रावधानों की भी चर्चा की और सभी से कहा कि हमारे देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से लागू होने वाले शैक्षिक सुधारों में पूरी तरह से शामिल हों। उन्होंने कहा, “ इस नीति को आप सभी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बनने दें और शिक्षा एवं अनुसंधान के गौरव को प्राप्त करने के लिए भारत को एक स्वर्णिम अवसर प्रदान करें और कोरोना महामारी को अपनी शिक्षा के विकास में बाधा न डालने दें।”
केंद्रीय मंत्री ने सरकार के टीकाकरण अभियान के बारे में भी सभी को बताया और कहा कि इस विशाल टीकाकरण के द्वारा हम बहुत जल्द कोरोना को नियंत्रित कर लेंगे।
इस अवसर पर अविनाशिलिंगम इंस्टीट्यूट फॉर होम साइन्स एंड हाइयर एजूकेशन फॉर वुमेन के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. टी. एस. के मीनाक्षीसुंदरम, कुलाधिपति प्रो एस.पी. त्यागराजन, कुलपति डॉ. प्रेमावाती विजयन, कुलसचिव डॉ. कौशल्या परीक्षा नियंत्रक डॉ. मणिमोली, ट्रस्टीज, बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट और अकादमिक काउंसिल के सदस्य, डिग्री प्राप्त करने वाली छात्राएं और उनके माता-पिता उपस्थित थे।