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हत्या के विरोध में डाक्टर रहेंगे हड़ताल पर, आपात सेवाएं शामिल नहीं

नई दिल्ली, डॉक्टर की पीट-पीटकर हत्या करने के विरोध में डाक्टर हड़ताल पर रहेंगे। हड़ताल में आपात सेवाएं शामिल नहीं होंगी।

 एक बुजुर्ग डॉक्टर की पीट-पीटकर हत्या करने के विरोध में तीन सितंबर को राज्यभर में 24 घंटे की हड़ताल का असम में डॉक्टरों ने आह्वान किया।

जोरहाट में चाय बागान के एक अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद उसके साथ काम करने वाले लोगों ने एक बुजुर्ग डॉक्टर की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।

भारतीय चिकित्सा संघ की असम राज्य शाखा के अध्यक्ष डॉ. सत्यजीत बोरा ने कहा कि डॉक्टर सुबह छह बजे से हड़ताल करेंगे लेकिन सभी अस्पतालों की आपात सेवाएं खुली रहेंगी।

टियोक चाय बागान के 73 वर्षीय डॉक्टर देबेन दत्ता की बागान के मजदूरों ने शनिवार को पिटायी की थी। उन्होंने चाय बागान के अस्पताल में एक व्यक्ति की मौत के बाद डॉक्टर की पिटायी कर दी थी। दत्ता की बाद में जोरहाट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मौत हो गई थी।

बोरा ने बताया कि दत्ता पर हमला चाय बागानों में काम कर रहे डॉक्टरों पर शारीरिक हमले की तीसरी बड़ी घटना है और ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इन घटनाओं और डॉक्टरों को सुरक्षा मुहैया कराने तथा दोषियों को सजा दिलाने में सरकार की नाकामी के खिलाफ विरोध के तौर पर डॉक्टरों ने 24 घंटे तक काम न करने का फैसला किया है।’’

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