मछली पकड़ते समय साइफन में फंसी डाल्फिन, जानिये फिर क्या हुआ
August 11, 2019
बहराइच, उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में सरयू नदी में मछली पकड़ने के दौरान साइफन में फंसी डाल्फिन को निकालकर वन विभाग के कर्मचारियों ने ग्रामीणों की मदद से फिसर से उसे नदी में छोड़ दिया। डाल्फिन लगभग 37 किलो वजन की थी।
वन विभाग के सूत्रों ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बहराइच ज़िले के महसी तहसील इलाके में जैतापुर गांव के निकट सरयू नदी की साइफन है। रविवार की दोपहर एक डाल्फिन मछली पकड़ने के लिए दौड़ी। लेकिन इसी दौरान वह जाल साइफन में फंस गई। आसपास के ग्रामीणों ने डाल्फिन फंसे होने की सूचना वनकर्मियों को दी। कैसरगंज रेंज के वन क्षेत्राधिकारी नदीमए वन दरोगा जहीरुद्दीन मौके पर पहुंचे तो देखा कि डाल्फिन सरयू नदी के स्पर नंबर एक के निकट साइफन में फंसी हुई है।
उन्होंने बताया कि इस पर वनकर्मियों ने ग्रामीणों की मदद से डाल्फिन को साइफन से बाहर निकालकर उसे महसी तहसील के घूरदेवी स्थित घाघरा नदी में छोड़ दिया है। वन क्षेत्राधिकारी नदीम ने बताया कि डाल्फिन का वजन लगभग 37 किलो था। वह मछली पकड़ने के चक्कर में साइफन में फंस गई। उसे बीच धारा में छोड़ दिया गया है। उसकी उम्र काफी कम थी। श्री नदीम ने बताया कि एक सामान्य डाल्फिन जमीन पर सिर्फ 4 मिनट 13 सेकेंड जीवित रह सकता है। इस बीच अगर इससे ज्यादा समय उसने जमीन पर व्यतीत किया तो पानी के अभाव में उसकी मौत हो सकती है। ऐसे में उसे तुरंत पकड़कर घाघरा नदी में छोड़ दिया जाता है।
इस बीच कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के डीएफओ जीपी सिंह ने बताया कि डाल्फिन घाघरा नदी में मिलती है। क्योंकि घाघरा नदी सीधे गंगा नदी की शाखा से जुड़ी हुई है। जिसमें महसीए कैसरगंज का जरवलरोडए मिहींपुरवा का जालिमनगर के अलावा कौड़ियाला व गेरुआ नदी में भी इसकी मात्रा पायी जाती है। यहां का पानी डाल्फिन को रास आता है।