नयी दिल्ली , 25 मई से शुरू हो रही घरेलू उड़ानों के सफर पर जाने वाले प्रत्येक यात्री के लिये ये खास खबर है।
मानव शरीर का सामान्य तापमान 98.6 डिग्री फॉरेनहाइट माना जाता है और 98.7 डिग्री फॉरेनहाइट होने पर शायद ही दुनिया का कोई डॉक्टर कहेगा कि आपको बुखार है। इसके बावजूद दिल्ली हवाई अड्डे पर प्रवेश से पहले यदि शरीर का तापमान 98.7 डिग्री पाया गया तो यात्री को टर्मिनल के अंदर नहीं जाने दिया जायेगा।
दो महीने के अंतराल के बाद सोमवार से शुरू हो रही घरेलू उड़ानों की तैयारियों के बारे में दिल्ली हवाई अड्डे का संचालन करने वाली कंपनी दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (डायल) ने आज मीडिया को बताया कि शरीर के तापमान की जाँच, हाथों और जूतों के तलवों के सेनिटाइजेशन, सामान के विसंक्रमण, आरोग्य सेतु ऐप में हरा सिग्नल और बोर्डिंग पास का प्रिंटआउट लेने के बाद ही यात्रियों को टर्मिनल बिल्डिंग में प्रवेश दिया जायेगा।
प्रवेश से पहले थर्मल स्कैनर से ललाट के तापमान की जाँच कर रहे केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों ने मीडिया के कुछ लोगों को 99 डिग्री फॉरेनहाइट तापमान होने के कारण प्रवेश से रोक दिया। पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि 94.6 डिग्री से 98.6 डिग्री फॉरेनहाइट के बीच तापमान होने पर ही किसी व्यक्ति को टर्मिनल भवन में जाने देने का निर्देश है।
डायल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विदेह कुमार जयपुरियार ने बताया कि घरेलू उड़ानों पर प्रतिबंध समाप्त होने के बाद 25 मई से पहली उड़ान सुबह 4.30 बजे रवाना होगी। सरकार ने एक-तिहाई उड़ानों के परिचालन की ही अनुमति दी है इसलिए अभी दिल्ली हवाई अड्डे से रोजाना 190 उड़ानें रवाना होंगी और इतनी ही यहाँ उतरेंगी। प्रतिदिन तकरीबन 20-20 हजार यात्रियों के आने-जाने की उम्मीद है। सभी उड़ानों का परिचालन अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल टी-3 से ही होगा। इतने यात्रियों के लिए इस टर्मिनल पर पर्याप्त सुविधा मौजूद है और सामाजिक दूरी का अच्छी तरह पालन किया जा सकेगा।
कोरोना वायरस कोविड-19 के मद्देनजर देश में नियमित यात्री उड़ानों का परिचालन 25 मार्च से पूरी तरह बंद है। दो महीने बाद 25 मई से कई प्रकार एहतियाती शर्तों के साथ एक-तिहाई उड़ानों के परिचालन की अनुमति दी गयी है।
श्री जयपुरियार ने बताया कि टर्मिनल के अंदर की हवा को स्वच्छ बनाये रखने के लिए हर 10 मिनट पर पूरी हवा बदली जा रही है। हवा को विसंक्रमित कर टर्मिनल के अंदर आने दिया जा रहा है। पहले पराबैंगनी किरणों से उसे विसंक्रमित किया जाता है और फिर हेप्टा फिल्टर से साफ किया जाता है।
यात्रियों के साथ हवाई अड्डा तथा एयरलाइंस कर्मचारियों का संपर्क कम से कम , हो इसके लिए कई उपाय किये गये हैं। टर्मिनल भवन के बाहर ही 24 ‘स्कैन एंड फ्लाई’ मशीनें रखी गयी हैं। यदि कोई यात्री बोर्डिंग पास का प्रिंट लेकर नहीं आता है तो वहाँ यहाँ अपना ई-बोर्डिंग पास स्कैन कर प्रिंट ले सकता है। इसके बाद शरीर के तापमान की जाँच होगी और फिर यात्री को अपने हाथों को सेनिटाइज करना होगा। ऑटो मेटेड सेनिटाइजर मशीनें लगाई गयी हैं जिनके नीचे हाथ ले जाते ही सेनिटाइजर हाथों पर आ जायेगा। बोर्डिंग पास और पहचान पत्र की जाँच के लिए दरवाजे के पास केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल का कर्मचारी होगा जो एक शीशे की दीवार के पीछे खड़ा होगा। इस दरवाजे से प्रवेश करने के बाद करीब 15-20 मीटर पर एक और दरवाजा है। दोनों दरवाजों के बीच जूतों के तलवों को विसंक्रमित करने के लिए फर्श पर सेनिटाइजर में भिगोये हुये स्पंज बिछे हैं। इसके बाद एक और बार शरीर का तापमान लिया जायेगा और हाथों में सेनिटाइजर लगाना होगा।
अंदर सामाजिक दूरी बनाये रखने के लिए बैठने की जगहों पर कुछ दूरी पर ‘एक्स’ के निशान बने हैं। यात्रियों को एक्स के निशान के बीच ही बैठना होगा। चेक्डइन बैगेज के लिए टैग यात्रियों को स्वयं प्रिंट करना होगा जिसमें संबंधित विमान सेवा कंपनी के कर्मचारी सहयोग करेंगे। टैग नहीं प्रिंट कर सकने की स्थिति में यात्री एक सादे कागज पर अपना नाम और पीएनआर लिखकर बैगेज पर चिपका सकता है या काउंटर पर ई-बोर्डिंग पास दिखाने से एयरलाइंस कर्मचारी टैग प्रिंट कर बैगेज पर लगा देगा, हालाँकि यात्री को काउंटरफोइल देने की बजाय उसके पास एसएमएस आयेगा। काउंटर के सामने और सुरक्षा जाँच काउंटर पर भी फर्श पर चार-पाँच फुट पर निशान बनाये गये हैं।
पीने के पानी के प्वाइंट पर पहले हाथ से बटन दबाना होता था जिसकी जगह अब पैर से दबाने वाली युक्ति लगाई गयी है। टर्मिनल के भीतर करीब 400 सेनिटाइजिंग प्वाइंट हैं। इनमें ज्यादातर ऑटोमेटेड हैं जबकि कुछ को पैर से दबाकर संचालित करने की व्यवस्था है।
टर्मिनल में प्रवेश से पहले और प्रवेश के बाद एक ही गेट के सामने अधिक यात्री एकत्र न हो जायें इसके लिए हर एयरलाइंस के यात्रियों के प्रवेश के लिए अलग-अलग गेट तय किये गये हैं। विस्तारा और स्पाइसजेट के यात्री गेट संख्या एक और दो से, एयर एशिया और एयर इंडिया के तीन और चार से तथा गो एयर और इंडिगो के पाँच और छह से प्रवेश करेंगे। अन्य सभी घरेलू यात्रियों को भी गेट संख्या पाँच और छह से प्रवेश दिया जायेगा जबकि विशेष विमानों से विदेश जाने वाले यात्री गेट संख्या सात और आठ का प्रयोग कर सकेंगे।