लखनऊ, डबल इंजन की सरकार का मतलब है केंद्र की सरकार और राज्य की सरकार जब मिलकर कार्य करती है तो इसे डबल इंजन की सरकार कहतें हैं।
यूपी में डबल इंजन की सरकार है। क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार और यूपी की योगी सरकार चूंकि एक ही पार्टी बीजेपी की है इसलिये यूपी में डबल इंजन सरकार काम कर रही है। जनता को नेता डबल इंजन सरकार के फायदे भी बतातें हुये कहतें हैं कि इससे राज्य का विकास तेजी से होता है। लेकिन यूपी मे क्या यह डबल इंजन सरकार काम नही कर पा रही है? क्योंकि दोनों सरकारें जिस स्पीड से यूपी का विकास कर सकतीं थीं वह कहीं नजर नहीं आ रहा है।
ऐसे में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की टिप्पणी और महत्वपूर्ण हो जाती है। अखिलेश यादव ने कहाहै कि भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। शुक्रवार को कन्नौज में हुई प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अखिलेश यादव ने जब इस बात का जिक्र किया कि डबल इंजन की सरकार के इंजन ही आपस में टकरा रहे हैं, तो उसके भी कई मायने निकाले जाने लगे।
हालांकि अखिलेश यादव ने आगे जोड़ते हुए कहा कि जिस तरीके से ‘उनके’ भेजे गए एक अधिकारी को राज्य में मंत्री नहीं बनाया गया तो ऊपर से सूबे के सबसे बड़े अधिकारी को ही बदल दिया गया। उनका इशारा रिटायर्ड आईएस एके शर्मा और दुर्गा शंकर मिश्रा को लेकर था । अखिलेश यादव ने इशारों ही इशारों में कहा कि केंद्र के बड़े नेताओं और राज्य के बड़े नेताओं की आपस में बन नहीं रही है, इसीलिए यह सारी कवायदें की जा रही हैं।
दरअसल, यूपी में बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं, “मुख्यमंत्री ने साफ़तौर पर कह दिया है कि अरविंद शर्मा को कोई महत्वपूर्ण विभाग तो छोड़िए, कैबिनेट मंत्री भी बनाना मुश्किल है. राज्य मंत्री से ज़्यादा वो उन्हें कुछ भी देने को तैयार नहीं हैं.”मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस क़दम को सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अवहेलना और उन्हें चुनौती देने के तौर पर देखा जा रहा है। सदिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के एक बड़े नेता कहते हैं कि ‘पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व योगी आदित्यनाथ को यह अक्सर याद दिलाता रहता है कि वो मुख्यमंत्री किसकी वजह से बने हैं और मौक़ा पाने पर योगी आदित्यनाथ भी यह जताने में कोई कसर नहीं रखते कि नरेंद्र मोदी के बाद बीजेपी में प्रधानमंत्री के विकल्प वो ही हैं।’
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच मनमुटाव की खबरें आम हैं। बताया जाता है कि लंबे समय से दोनों के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। आगरा में एक कार्यक्रम में केशव मौर्य ने कहा था कि UP में CM का चेहरा दिल्ली से ही तय होगा। वहीं कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते उत्तर प्रदेश में उपजे असंतोष और पंचायत चुनाव के नतीजों से बीजेपी की चिंताएं बढ़ गई हैं। ऐसे में डबल इंजन की सरकार के इंजन ही आपस में टकरायेंगे तो चुनाव मे बीजेपी का कैसे बेड़ा पार होगा?