नयी दिल्ली, डॉ शाजी प्रभाकरण फिर से फुटबाल दिल्ली के अध्यक्ष चुन लिए गए हैं। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी अनुज गुप्ता को हराकर शीर्ष पद पर बने रहने का वैधानिक हक हासिल कर लिया है। शाजी को 55, अनुज गुप्ता को 21 और अनादि बरुआ को मात्र 7 वोट पड़े।
शाजी प्रभाकरण चार साल पहले तक अनजान नाम था लेकिन पिछले चुनाओं में अध्यक्ष चुने जाने के बाद से शाजी एक ऐसा नाम बन गया जिसे न सिर्फ दिल्ली बल्कि देश की फुटबाल में जाना पहचाना चेहरा माना जाता है। शायद इसी पहचान के चलते शाजी को कामयाबी मिली और वह दूसरी बार अध्यक्ष चुने गए।
विजेता पैनल के भगवान सिंह नेगी, एनके भाटिया, रिजवान उल हक, शराफतुल्लाह, जगदीश मल्होत्रा, एसके सिंह उपाध्यक्ष चुने गए जबकि लियाकत अली ने राजीव गुप्ता को हरा कर कोषाध्यक्ष पद पाया, आनंद डबास, हर गोपाल और डॉक्टर आभा जैन कन्वीनर चुने गए। नागेंद्र सिंह, भूपेंद्र अधिकारी, सुनील दत्त, विजेंदर सिंह, धनवीर सिंह रावत, राम सिंह, मोहममद नईम, जय किशोर, एस जमाल सदस्य चुने गए हैं।
विजेता पदाधिकारियों का मानना है कि बेहतर काम और राजधानी की फुटबाल के रूप स्वरूप को बदल कर टीम शाजी ने जीत पाई है। उनके अनुसार पिछले कई सालों में दिल्ली की फुटबाल जो नहीं कर पाई वह चार सालों में संभव हो पाया। खासकर, महिला फुटबाल को अधिकाधिक प्रोत्साहन देकर दिल्ली ने राष्ट्रीय कैलेंडर पर अलग पहचान बनाई है। टीम शाजी की जीत को पहले ही तय मान लिया गया था लेकिन कमजोर विपक्ष भी विजेताओं की ताकत साबित हुआ। शाजी के समर्थक कहते हैं कि उनके कारण दिल्ली की फुटबाल ने पेशेवर जामा पहना, जबकि विपक्ष बार-बार और लगातार आरोप लगाता रहा। हैरानी वाली बात यह है कि जो लोग सालों से शीर्ष पदों का सुखभोग करते रहे, चुनाव नजदीक आने पर शाजी को घेरने में लग गए। लेकिन उन्हें मुंह की खानी पड़ी।
जीत दर्ज करने के बाद विजेता अध्यक्ष ने कहा कि उनकी जीत से यह साबित हो गया है कि दिल्ली की फुटबाल सही दिशा में बढ़ रही है। अध्यक्ष ने अपने पैनल के हर सदस्य का धन्यवाद किया और कहा कि टीम वर्क से जीत मिली और यही टीम दिल्ली की फुटबाल को शिखर तक ले जाएगी। अपनी भावी योजना के बारे में उन्होंने कहा कि छह साल के बालक-बालिकाओं को मैदान में उतारना और महिला फुटबाल को टॉप पर ले जाना प्राथमिकता रहेगी।