नयी दिल्ली, कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए निरंतर नये-नये उपकरण बना रहे रक्षा अनुसंधान एवं
विकास संगठन (डीआरडीओ) ने एक ऐसा छोटा टेलीफोन बूथ नुमा चैम्बर बनाया है जिसमें घुसते ही मात्र 25 सेंकेंड में व्यक्ति स्वचालित
छिड़काव प्रणाली से पूरी तरह स्वच्छ हो जायेगा।
डीआरडीओ ने इसके साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों के लिए एक बेहद हल्का और सुरक्षित फेस मास्क भी बनाया है जो पूरे चेहरे के साथ-साथ सिर
को भी कवच की तरह संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करता है।
यह चैम्बर डीआरडीओ की अहमदनगर स्थित वाहन अनुसंधान विकास केन्द्र ने तैयार किया है।
इस चैम्बर को कहीं भी ले जाया जा सकता है और इसका इस्तेमाल एक बार में केवल एक व्यक्ति कर सकता है।
चैम्बर में घुसने पर इसे एक फुट पैडल से चालू किया जाता है जिसके बाद इसमें लगी स्वचालित छिड़काव प्रणाली व्यक्ति के पूरे शरीर पर स्प्रे
करती है और मात्र 25 सेकेंड में व्यक्ति पूरी तरह स्वच्छ हो जाता है। इस दौरान व्यक्ति को अपनी आंखें बंद रखनी होती है।
इस चैम्बर के टैंक की क्षमता 700 लीटर है और यह एक बार भरने के बाद 650 लोगों को स्वच्छ कर सकता है।
इस चैम्बर की दीवारें शीशे की बनी हैं। इसके साथ में एक और केबिन होता है जिसमें से एक आपरेटर समूची गतिविधि पर नजर रखता है।
इस चैम्बर का इस्तेमाल अस्पतालों, मॉल, ऑफिस और महत्पूर्ण प्रतिष्ठानों के प्रवेश और निकास द्वारों पर विशेष रूप से किया जा सकता है।
डीआरडीओ ने कोरोना वायरस के संक्रमण का उपचार करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के लिए विशेष रूप से एक फेस मास्क भी तैयार किया है जो
पूरे चेहरे के साथ-साथ सिर को संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करता है। यह हल्का और सुविधाजनक भी है।
थर्मोप्लास्टिक से बने इस मास्क को जैविक रूप से नष्ट भी किया जा सकता है।
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