नई दिल्ली,ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर ये नया नियम लागू होने जा रहा है। परिवहन विभाग ड्राइविंग लाइसेंस को आधारकार्ड से जोड़ने जा रहा है। इसका मुख्य मकसद लाइसेंस धारकों पर नजर रखना है। अगर किसी हादसे के बाद चालक का ड्राइविंग लाइसेंस रद्द किया जाता है तो वह दोबारा आसानी से बनवा लेते हैं, लेकिन आधारकार्ड से जुड़ने के बाद निरस्त लाइसेंस दोबारा नहीं बन पाएगा।
ड्राइविंग लाइसेंस को आधारकार्ड से जोड़ने का अभियान प्रदेश स्तर पर चलाया जाएगा। इस तरह परिवहन विभाग वाहन चालकों पर पैनी नजर रख सकेगा। समस्त ड्राइविंग लाइसेंस आधारकार्ड से जुड़ने के बाद अगर कोई व्यक्ति लापरवाही से वाहन चलाकर तीन बार एक्सीडेंट करेगा तो उसका लाइसेंस हमेशा के लिए ब्लॉक कर दिया जाएगा। इसके बाद वह दूसरा लाइसेंस बनवाने की कितनी ही कोशिश कर ले, लेकिन सफल नहीं हो पाएगा। क्योंकि आवेदन करने के बाद उसकी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
हादसों की मुख्य वजह ड्राइविंग लाइसेंस का आसानी से बन जाना है। लंबे समय से देखने में आ रहा है कि आरटीओ कार्यालय में एजेंट लाइसेंस बनवाने वालों से मोटी रकम लेकर उनका काम करवा देते हैं। परिवहन विभाग के अधिकारी कुष्ण मोहन ने बताया कि भारी वाहन वाले ड्राइवरों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी नहीं है। इस वजह से हादसे हो रहे हैं। इसके लिए अब ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर सख्ती की जा रही है। नशे में एक्सीडेंट करने वालों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज होगा। सामान्य स्थिति में हादसा होने पर चालक का लाइसेंस तीन से छह महीने के लिए निलंबित कर दिया जाएगा। तीन बार ऐसा होने पर लाइसेंस को ब्लॉक कर दिया जाएगा। इसके बाद उसका लाइसेंस नहीं बन सकेगा।