सीकर, राजस्थान के सीकर जिले के श्रीमाधोपुर निवासी एवं सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान बीरबल राम यादव के आत्महत्या के बाद पैतृक गांव पहुंचे उनके पार्थिव शरीर को परिजनों के लेने से मना कर देने से मामले ने तूल पकड़ लिया हैं।
जवान का पार्थिव शरीर त्रिपुरा से आज तड़के जैसे ही उनके पैतृक गांव पृथ्वीपुरा पहुंचा तो परिजनों ने शव लेने से इन्कार कर दिया। परिजनों का कहना है कि वह पहले जवान बीरबल राम की मेडिकल रिपोर्ट देखेंगे। उसमें आत्महत्या की पुष्टि के बाद ही वह अंतिम संस्कार करेंगे।
परिजनों का आरोप है कि जवान ने आत्महत्या नहीं की। बल्कि, उसकी हत्या की गई है। जिसके बाद उसका पार्थिव शरीर फांसी के फंदे पर लटकाया गया है। बीएसएफ कमांडेंट एवं जवानों की समझाइश के बाद भी परिजन अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।
घटना की सूचना पर थानाधिकारी कैलाश चंद मीणा और तहसीलदार महिपाल सिंह राजावत भी मौके पहुंचे और पहले तो शव लेकर गांव पहुंचे बीएसएफ के कमांडेंट से वार्ता की। इसके बाद उनके साथ परिजनों को समझाने की कोशिश की। लेकिन, समाचार लिखे जाने तक परिजन नहीं माने।
45 वर्षीय बीरबल राम गत 22 मई को त्रिपुरा में फंदे पर झूलता हुआ मिला था। बीएसएफ ने आत्महत्या कर लेने की बात कही थी। लेकिन, आज जैसे ही बीरबल राम का पार्थिव शरीर तड़के चार बजे पैतृक गांव पृथ्वीपुरा पहुंचा, तो परिजन मेडिकल रिपोर्ट की मांग पर अड़ गए। ऐसे में पार्थिव शरीर बीएसएफ के ट्रक में ही रखा है।