झांसी , उत्तर प्रदेश के झांसी में कोरोना काल के दौरान गरीब और मलिन बस्तियों को गोद लेकर जरूरतमंदों की मदद के काम में परमार्थ समाजसेवी संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
संस्थान ने लॉकडाउन के समय से ही संस्थान ने जौहर नगर बस्ती, अठोंदना रोड मलिन बस्ती को गोद लिया है। जहां लोहपीटने वाले, झाडू बनाने वाले, कचरा बीनने वाले और रोज खाने कमाने वाले परिवार रहते है। कोरोना के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में इन परिवारों के आजीविका के संसाधन या तो छिन गये है या फिर बहुत कम हो गये है। ऐसे में इनके सामने निरंतर आजीविका का संकट है।
संस्थान द्वारा बस्ती में किये गये सर्वेक्षण में पाया गया कि लोगों के सामने खाद्यान्न संकट अभी भी है। जिसमें अठोंदना रोड झुग्गी-झुपडी में रहने वाले बब्लू ने बताया कि यहां पर सभी लोग झाडू बनाने का कार्य करते है और जो भी झाडू बेचकर कमाते है उससे ही घर का भरण-पोषण करते है लेकिन बरसात में झाडू के पत्ते सूख नही पा रहे इस कारण से झाडू बनाने का काम नही हो रहा है जिससे सभी बस्ती के लोगो को अपने परिवार के भोजन कराने की समस्या उत्पन्न हो गयी है।
संस्थान के सदस्यों ने उनकी समस्या जानने के बाद तत्काल ही उन बस्तीओं में रहने वाले 300 से अधिक परिवारों को हिन्दुस्तान यूनिलीवर के सहयोग से राशनसामग्री में 10 किग्रा आटा वितरण किया। जौहर नगर बस्ती में रहने वाली रूपा देवी ने कहा जब से लॉकडाउन हुआ है परमार्थ संस्था लगातार हम लोगों की मदद कर रही है रोज खाने-कमाने बाले का ध्यान रख रही है। हम मुसीबत के समय में हमारे साथ खडी है। यहां तक कि त्योहारों पर संस्था के साथी हमारे बच्चों का मनोबल बढाते है। झाडू बनाकर आजीविका चलाने वाले अवधेश ने बताया कि उनके पास यहां का आधार कार्ड नहीं है जिसके कारण उन्हें राशन सामग्री नहीं मिल पा रही है और उनका धंधा भी चौपट है। ऐसे में दोनों वक्त का भोजन उनके लिए एक बडी समस्या है।
परमार्थ संस्था के प्रमुख डा. संजय सिंह ने बताया कि रक्षा बंधन के त्योहार पर उनकी संस्था द्वारा बुन्देलखंड में जल संरक्षण पर कार्य कर रही 800 से अधिक जल सहेलियों को प्रोत्साहन किट दी गयी है जिसमें उनके जरूरत के सामान को उपलब्ध कराया गया है।