नई दिल्ली, जम्मू-कश्मीर को लेकर दाखिल की गई याचिकाओं की सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट को केंद्र सरकार ने बताया कि एक भी गोली नहीं चलाई गई है, कुछ स्थानीय बैन लगे हुए हैं.
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से हालात सामान्य करने के लिए कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि कश्मीर में अगर तथा-कथित बंद है तो उससे जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय निपट सकता है.
सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर को लेकर कई याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान जब वकील ने कहा कि हालात एसे हैं कि हाईकोर्ट भी जाना मुश्किल है.
तो चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि हाईकोर्ट से मांगेंगे रिपोर्ट और अगर जरूरत पड़ी तो मैं खुद जम्मू-कश्मीर जा सकता हूं.
वहीं, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, कश्मीर स्थित सभी समाचार पत्र चल रहे हैं और सरकार हरसंभव मदद मुहैया करा रही है.
प्रतिबंधित इलाकों में पहुंच के लिए मीडिया को ‘पास’ दिए गए हैं और पत्रकारों को फोन और इंटरनेट की सुविधा भी मुहैया कराई गई है.
दूरदर्शन जैसे टीवी चैनल और अन्य निजी चैनल, एफएम नेटवर्क काम कर रहे हैं. साथ ही केंद्र सरकार ने कहा कि एक गोली भी नहीं चलाई गई और कुछ स्थानीय प्रतिबंध लगे हैं.
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अटार्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल से कहा कि इन हलफनामों का विवरण दें और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए प्रयास किए जाएं.
वहीं, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद को जम्मू-कश्मीर जाने की इजाजत दे दी है.
याचिका पर सुनवाई के दौरान गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कोर्ट में कहा कि मैं पूर्व मुख्यमंत्री हूं.
तो सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि मैं आपको जानता हूं.
कोर्ट को आजाद ने बताया कि वह अपने राज्य में जाना चाहते हैं, दो बार श्रीनगर और एक बार जम्मू जाने की कोशिश की.
मैं अपने क्षेत्र में जाना चाहता हूं. मैं बारापुला, अनन्तनाग, श्रीनगर और जम्मू जाकर लोगों से मिलना चाहता हूं.
साथ ही उन्होंने कहा कि मैं कोर्ट को भरोसा देना चाहता हूं कि मैं कोई रैली नही करूंगा.
वहां फलों आदि से जुडे लोगों से मिलना चाहता हूं.
इस पर CJI रंजन गोगोई ने कहा कि आजाद ने कहा कि वो राजनीतिक रैली नहीं करना चाहते, चार जगहों पर जाने की मांग की है.
सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि इनकी याचिका को देखना होगा.
CJI ने केंद्र सरकार और जम्मू कश्मीर सरकार को नोटिस जारी किया है. वहीं गुलाम नबी आजाद को जम्मू-कश्मीर जाने की इजाजत दे दी गई.
उच्चतम न्यायालय ने अटार्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल से कहा कि आप हलफनामों का विवरण दें और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए प्रयास किए जाएं.
उच्चतम न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर में जनजीवन सामान्य करने, कल्याणकारी सुविधाओं तक लोगों की पहुंच सुनिश्चित करने, स्कूल और कॉलेज खोले जाने को कहा.
पीठ ने कहा कि राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए चयनात्मक आधार पर प्रतिबंध हटाए जाएंगे .