लखनऊ, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में ई-विधानसभा का लोकार्पण किया। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश देश का ऐसा दूसरा राज्य बन गया है जहां विधानसभा की कार्यवाही पेपरलैस होगी। इससे पहले नगालैंड में ई विधान प्रणाली लागू की गयी थी।
ओम बिरला ने यहां विधानभवन में 18वीं विधानसभा के सदस्यों के प्रबोधन कार्यक्रम और ई विधान व्यवस्था का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना मौजूद थे। योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में 23 मई को विधानसभा का शुरू होने वाला पहला बजट सत्र डिजीटली हाइटेक होगा।
ओम बिरला ने इस मौके पर कहा कि सार्थक संवाद की जरूरत पर बल देते हुये कहा कि नारेबाजी और हंगामे की बजाय सदन में तर्कपूर्ण संवाद के जरिये सदस्यों को अपनी बात सदन के पटल पर रखनी चाहिये। ई-विधान प्रणाली के प्रशिक्षण कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानमंडल का मूल काम कानून बनाना है और इसके लिये सदन में तर्कों के साथ बहस होनी चाहिये। जितना सार्थक संवाद होगा, सरकार को भी जनहित की योजनाओ के क्रियान्वयन में उतनी ही मदद मिलेगी। सदस्यों के आचरण से सदन की गरिमा तय होती है। देश के बड़े नेता विधान मंडलों से निकले हैं और वे तर्कों के जरिये ही अपनी बात रखते हैं।
गौरतलब है कि विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को सदन की कार्यवाही से संबंधित प्रक्रियागत नियमों एवं कार्यकलापों से अवगत कराने के लिये आज से दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रम के तहत पहली बार आहूत हो रहे पेपरलैस सत्र के तकनीकी पहलुओं से भी सदस्यों को अवगत कराया जायेगा।
नयी व्यवस्था के तहत सभी सदस्यों की सीट के सामने एक टेबलेट लगाया गया है, जिसके माध्यम से विधायक सदन की बैठक में अपनी उपस्थित दर्ज कराने के साथ साथ बिना कागज का इस्तेमाल किये सदन की कार्यवाही से अवगत हो सकेंगे और सवाल भी पूछ सकेंगे। सदस्यों को उनकेे सवालों के जवाब ई-मोड में टेबलेट पर ही मिल जायेंगे।
विधान सभा को पेपरलैस बनाने के लिये इस्तेमाल की गयी तकनीक को ‘ई-विधान’ नाम दिया गया है। प्रबोधन सत्र में सभी सदस्याें को इसके तकनीकी पहलुओं से परिचित कराया जायेगा। जिससे सत्र के दौरान सदन में सदस्यों को इसके इस्तेमाल में परेशानी न हो।
विधान सभा सचिवालय 1989 से प्रबोधन कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। इस क्रम में 18वीं विधानसभा में पहली बार निर्वाचित हुए सदस्यों काे संसदीय परंपराओं, प्रक्रियाओं और कार्यविधिओं से अवगत कराने के लिये इस बार 20 और 21 मई को प्रबोधन कार्यक्रम आयोजित किया गया है।