103 वर्षीय जीवन दास ने वर्ष 1951 में भारत के पहले आम चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग किया था, इस साल एक बार फिर वह मतदान करने के लिए उत्साहित हैं। जीवन दास ने दावा किया कि उन्होंने हर बार चुनाव में वोट डाला है।
जीवन दास ने बताया, ‘‘देश में जब से प्रक्रिया शुरू हुई तब से मैं एक भी चुनाव में वोट डालने में विफल नहीं रहा। चाहे वह नगर निगम का चुनाव हो या लोकसभा का चुनाव हो। मैंने हमेशा अपना वोट डाला। मैं इस बार भी वोट डालने के लिए बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहा हूं।’’
उन्होंने बताया, ‘‘उस समय मैं 35 साल का था। मेरे जैसे आम आदमी नहीं जानता था कि मतदान का मतलब क्या है। हम केवल यह जानते थे कि स्वतंत्रता संघर्ष के बाद हम आजाद हुये हैं और किसी को वोट देना हमें और स्वतंत्र बनाएगा।’’
पुराने दिनों को याद करते हुये दास ने कहा कि कई सालों में महिलाओं के वोट डालने के लिए जाने सहित काफी बदलाव आया है। उन्होंने बताया, ‘‘महिला बहुत अधिक संख्या में बाहर नहीं निकलती थी। मैं अपने पिता और बड़े भाई के साथ वोट डालने गया था जबकि हमारी पत्नियां और मेरी मां, बच्चों के साथ घर में रहती थी।’’