नयी दिल्ली, चुनाव आयोग देश के सुदूर इलाके में रहने वाले मतदाताओं के मतदान के वैकल्पिक उपाय के लिए कोई नयी प्रणाली विकसित करने पर विचार कर रहा है। आयोग ने इस संबंध में तमिलनाडु की ई गवर्नेंस एजेंसी के साथ एक वेबिनार का आयोजन किया है जिसमें देश विदेश के जाने-माने विशेषज्ञों ने भी भाग लिया।
चुनाव आयोग द्वारा आज यहां जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि ब्लॉकचेन के माध्यम एक नई प्रणाली विकसित करने पर विचार किया जा रहा है , जिसके तहत सुदूर इलाकों में रहने वाले मतदाता पारंपरिक मतदान केंद्र के बिना मतदान कर सकें।
चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने वेबिनार में मुख्य भाषण देते हुए कहा कि मतदान में सभी लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए यह जरूरी है कि कि मतदान प्रणाली ऐसी हो ताकि सुदूर इलाकों में रहने वाले लोग भी इसमें बिना दिक्कत के भाग ले सकें और कोई भौगोलिक बाधा उनके रास्ते में ना आए ।
उन्होंने कहा कि कई मतदाता अपने स्वास्थ्य नौकरी और अन्य कारणों से सुदूर इलाकों में मतदान से वंचित रह जाते हैं इसलिए अब जरूरी है कि टेक्नोलॉजी पर अधारित कोई समाधान निकाला जा सके।
उन्होंने कहा कि सभी सम्बद्ध पक्षों से बात करने के बाद ही यह प्रणाली विकसित की जा सकती है और इसमें गोपनीयता निष्पक्षता पारदर्शिता का ख्याल रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली ऐसी हो जिसमें किसी तरह की गड़बड़ी की न जा सके।
उन्होंने कहा कि पारंपरिक तरीके के मतदान केंद्रों के इस्तेमाल की बजाए एक नयी प्रणाली विकसित करने की जरूरत है लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया प्रणाली घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से मतदान करने की नहीं होगी ।
आयोग देश विदेश के विभिन्न विशेषज्ञों से इस संबंध में विचार विमर्श कर एक मजबूत मतदान प्रणाली बनाने पर विचार कर रहा है। इस वेबिनार में दुनिया भर के 800 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया और इसमें डेटा सुरक्षा उसकी प्रमाणिकता और सत्यापन के अलावा उसकी निगरानी पर भी चर्चा हुई इस।
वेबिनार को भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के विजयराघवन आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रोफेसर रजत मोना तथा मद्रास आई आई टी के निदेशक प्रोफ़ेसर भास्कर राममूर्ति एवं ग्लोबल ब्लॉकचेन बिजनेस काउंसिल के सीईओ आदि ने भाग लिया। चुनाव आयोग की आईटी डिवीजन के प्रभारी एवं उप चुनाव आयुक्त आशीष कुंद्रा ने वेबिनार का आयोजन किया।
गौरतलब है कि मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा जब गत वर्ष 30 अक्टूबर को मद्रास आई आई टी के दौरे पर गए थे तो उन्होंने ब्लॉकचेन प्रणाली से मतदाता प्रणाली में सुधार के बारे में बातचीत शुरू करने का विचार दिया था।