नयी दिल्ली, चुनाव आयोग देश में कोरोना महामारी को देखते हुए उन राज्यों में विधानसभा चुनाव कराए जाने के बारे में दिशानिर्देश जारी करेगा जहां ये चुनाव होने वाले है।
चुनाव आयोग ने आज इस संबंध में अपनी पूर्ण बैठक की और इस मुद्दे पर विचार विमर्श किया।
आयोग की बैठक में विधान सभाचुनाव कराए जाने के बारे में राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त सुझाव पर भी विचार विमर्श किया गया। बैठक में कोरोना संकट के मद्दे नजर उन सुझाव पर गौर किया गया।
आयोग द्वारा आज यहां जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि आयोग उन सभी सुझावों को ध्यान में रखते हुए और उन राज्यों में स्थानीय परिस्थितियों के मद्देनजर ही चुनाव कराए जाने के बारे में दिशा निर्देश जारी करेगा।
गौरतलब है कि इन राज्यों में विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजनीतिक दलों ने आयोग को अपने अपने सुझाव व्यक्त किए हैं क्योंकि विपक्षी दलों का आरोप है कि सत्ता दल आन लाइन तथा डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल कर चुनाव सम्पन्न कराने के समर्थन में है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीता राम येचुरी ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को पत्र लिखकर कोविड की समस्याओं के मद्देनजर विशेष पारदर्शी निर्देश जारी करने की अपील की है। उन्होंने पत्र में कहा है कि बिहार के मुख्य चुनाव अधिकारी ने भी प्रस्ताव किया है कि राज्य में पूरी चुनाव प्रक्रिया वर्चुअल प्लेटफार्म पर किया जाए लेकिन अधिकतर राज्यों ने इसका विरोध किया है ।
श्री येचुरी ने कल लिखे पत्र में बताया है कि कि भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह ने 2019 के चुनाव के समय सार्वजनिक रूप से कहा था कि उसकी पार्टी के 72,000 व्हाट्सएप ग्रुप है और वे घंटों के भीतर झूठ है या सच संदेश लोगों में फैला सकते हैं।
माकपा नेता का कहना है कि बिहार चुनाव के प्रचार के लिए 70,000 एलईडी टीवी मॉनिटर लगाए और भाजपा ने तो 60 आभासी रैलियां की हैं और उसके चुनाव प्रचार में 950 आई टी सेल के प्रमुख भाग ले रहे हैं। इन व्हाट्सएप ग्रुप में 50,000 तो पिछले दो महीने में गठित किए गए हैं ।
उन्होंने पत्र में कहा है कि वर्तमान हालात को देखते हुए चुनाव आयोग इस पर कोई पारदर्शी और ठोस फैसला करें तथा तार्किक दिशा निर्देश जारी करे।