संयुक्त राष्ट्र महासभा में चुनाव हुये शुरू, भारत की जीत की ये है स्थिति?

संयुक्त राष्ट्र,  संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने 75वें सत्र के लिए अध्यक्ष, सुरक्षा परिषद के पांच अस्थायी सदस्यों और आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के सदस्यों के लिए चयन के लिए विशेष मतदान व्यवस्था के तहत बुधवार को चुनाव शुरू किया।

कोविड-19 संबंधी पाबंदियों के चलते मतदान के लिए विशेष बंदोबस्त किए गए हैं।

भारत को सुरक्षा परिषद के चुनावों में आसान जीत मिलने की उम्मीद है, जिससे वह 2021-22 कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च संस्था का अस्थायी सदस्य बन जाएगा।

भारत का अस्थायी सदस्य के तौर पर सुरक्षा परिषद में शामिल होना लगभग तय है। भारत 2021-22 कार्यकाल के लिए एशिया-प्रशांत श्रेणी से अस्थायी सीट के लिए उम्मीदवार है।

भारत की जीत इसलिए तय मानी जा रही है, क्योंकि वह समूह की इस इकलौती सीट के लिए एकमात्र उम्मीदवार है। चीन और पाकिस्तान समेत 55 सदस्यीय एशिया-प्रशांत समूह ने पिछले साल जून में सर्वसम्मति से भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया था।

महासभा हर साल दो वर्ष के कार्यकाल के लिए कुल 10 में से पांच अस्थायी सदस्यों का चुनाव करती है।

संरा महासभा के अध्यक्ष तिज्जानी मोहम्मद बंदे ने बुधवार सुबह करीब नौ बजे चुनाव आरंभ होने की घोषणा की।

संरा में राजनयिक, कर्मचारी तथा अन्य अधिकारी महासभा के हॉल में मास्क पहनकर आए और मतदान करने के तुरंत बाद वहां से चले गए।

इससे पहले के वर्षों में, चुनाव के दौरान महासभा का हॉल खचाखच भरा होता था।

वैश्विक महामारी कोविड-19 के सामाजिक दूरी के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए 193 सदस्यीय संरा के सदस्य देशों को इस महत्वपूर्ण चुनाव के लिए महासभा हॉल में मतदान करने के लिए अगले हफ्ते का अलग-अलग वक्त दिया गया है।

सदस्य राज्यों द्वारा मतदान के लिए आठ अलग-अलग स्लॉट तय किए गए हैं। मतदान सुबह नौ बजे से शुरू होगा और दोपहर एक बजे तक चलेगा। अतिरिक्त आधे घंटे का समय उन सदस्यों के लिए रखा गया है जो निर्धारित वक्त पर मतदान नहीं कर पाएंगे।

ये 10 अस्थायी सीटें क्षेत्रीय आधार पर वितरित की जाती हैं। पांच सीटें अफ्रीका और एशियाई देशों के लिए, एक पूर्वी यूरोपीय देशों, दो लातिन अमेरिका और कैरिबियाई देशों तथा दो पश्चिमी यूरोपीय तथा अन्य राज्यों के लिए वितरित की जाती हैं।

परिषद में चुने जाने के लिए उम्मीदवार देशों को सदस्य देशों के दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि इस परिषद में भारत की मौजूदगी से ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के लोकाचार को दुनिया तक लाने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को समकालीन वास्तविकताओं को प्रतिबिंबिंत करने और विश्वसनीय बने रहने के लिए बदलने की जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र इस साल अपनी 75वीं वर्षगांठ मना रहा है।

 

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