हिंदी के प्रख्यात आलोचक एवं विद्वान डॉ नंद किशोर नवल का निधन

नयी दिल्ली, हिंदी के प्रख्यात आलोचक एवं विद्वान डॉ नंद किशोर नवल का आज देर रात पटना के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 82 वर्ष के थे। उनके परिवार में पत्नी के अलावा एक पुत्र और एक पुत्री हैं।

बिहार के वैशाली के चांदपुरा में जन्मे डॉ नवल कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और उन्हें निमोनिया हो गया था। वह जाने माने आलोचक डॉ नामवर सिंह के सहयोगी भी थे और उनके साथ आलोचना पत्रिका का सम्पादन किया था। उन्होंने ‘निराला रचनावली’, ‘रुद्र रचनावली’ और ‘दिनकर रचनावली’ का भी सम्पादन किया तथा महावीर प्रसाद द्विवेदी के ‘मुक्तिबोध’ पर महत्वपूर्ण किताबें लिखी थी।

पटना विश्विद्यालय में हिंदी विभाग के अध्यक्ष से सेवानिवृत्त होकर वे स्वतंत्रलेखन कर रहे थे। उन्होंने 1980 के आरंभ में धरातल नामक पत्रिका निकाली थी। उन्हें रामचन्द्र शुक्ल सम्मान और दिनकर सम्मान भी मिला था। उनकी करीब 20 किताबें छपी थी और वह नामवर सिंह के बाद हिंदी के बड़े आलोचक माने जाते थे।

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