लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में बेटियां जूडो का प्रशिक्षण लेकर स्वयं को सशक्त बनायें, जिससे वे हर परिस्थिति का मुकाबला करने में सक्षम हो सकें।
श्रीमती आनंदीबेन ने बुधवार को राजभवन में विश्व जूडो दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश जूडो एसोसिएशन द्वारा आयोजित ‘ब्लैक बेल्ट वितरण’ कार्यक्रम में 41 राष्ट्रीय स्तर के ब्लैक जूडो खिलाड़ियों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि जूडो आत्म-रक्षा से जुड़ा हुआ एक खेल है, जो अपने बचाव एवं सुरक्षा के लिये प्रेरित करता है। जूडो सम्पूर्ण जीवन जीने की कला है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में बेटियां जूडो का प्रशिक्षण लेकर स्वयं को सशक्त बनायें, जिससे वे हर परिस्थिति का मुकाबला करने में सक्षम हो सकें।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी विद्यालयों, कालेजों एवं विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाली हमारी बेटियों को जूडो खेल का प्रशिक्षण दिया जाये, ताकि वे विपरीत परिस्थितियों में अपनी आत्मरक्षा के रूप में इसका प्रयोग कर सकें। उन्होंने कहा कि महिलाओं को आत्मरक्षा के लिये इस प्रकार के खेलों का प्रशिक्षण अवश्य लेना चाहिए।
श्रीमती आनंदीबेन ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में खेल और फिटनेस का महत्व है। खेल के माध्यम से मनुष्य में सोच, नेतृत्व, लक्ष्य निर्धारण ओर जोखिम लेने के गुण का विकास होता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को योगाभ्यास, फिट इण्डिया मूवमेन्ट और खेलो इण्डिया का जो मूलमंत्र दिया है, वह सभी के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने श्री प्रकाश चन्द्र द्वारा लिखित पुस्तक “स्वयं श्रनकवश” का विमोचन भी किया। अपर मुख्य सचिव राज्यपाल महेश कुमार गुप्ता ने कहा कि जापान में जन्मे डा0 जिगोरो कानो ने आत्मरक्षा के लिये मार्शल आर्ट के रूप में इस खेल की शुरूआत की थी तथा जूडो को 1964 के टोकियो ओलम्पिक में पहली बार शामिल किया गया था। उन्होंने कहा कि खुशी की बात है कि वाराणसी के विजय यादव ने ओलम्पिक 2020 के लिए क्वालीफाई किया है। इस खेल में दृष्टिबाधित, दिव्यांग एवं मूक बाधिर खिलाड़ियों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेकर कई पदक प्राप्त किए हैं।