लखनऊ, उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने सोमवार को दावा किया कि वर्ष 2022 तक राज्य में विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़कर 12 हजार 734 मेगावाट हो जायेगी।
श्री शर्मा ने उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम की निर्माणाधीन तापीय एवं काम कर रही इकाईयों की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि ऊर्जा विभाग 2022 तक 7,260 मेगावाट ऊर्जा का उत्पादन अपने तापीय विद्युतगृहों से करने लगेगा। इसमें से 1320 मेगावॉट विद्युत उत्पादन इसी वर्ष से बढ़ जाएगा।
उन्होने बताया कि 2017 में सरकार बनने के बाद से ही ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा दिए जाने के प्रयासों को तेज किया गया था। पूर्ववर्ती सरकारों में शुरू की गई परियोजनाओं की धीमी रफ्तार को भी बढ़ाया गया जिससे विलंब से चल रही परियोजनाओं को गति दी जा सकी।
बिजली मंत्री ने बताया कि मेजा में 12,176 करोड़ की लागत से उत्पादन निगम व एनटीपीसी के जॉइंट वेंचर से 660 मेगावॉट की दो यूनिटें बनाई जा रही हैं। इसकी 660 मेगावॉट की एक यूनिट पिछले वर्ष अप्रैल में शुरू कर दी गई थी जबकि दूसरी यूनिट से 660 मेगावॉट विद्युत उत्पादन अक्टूबर के पहले सप्ताह से शुरू हो जाएगा। वहीं 6,011.83 करोड़ रूपये की लागत की हरदुआगंज तापीय परियोजना से भी 660 मेगावॉट विद्युत उत्पादन दिसंबर में शुरू हो जाएगा।
उन्होने बताया कि 10,416 करोड़ रूपये की लागत से निर्माणाधीन ओबरा-सी परियोजना की दोनो यूनिटों से 660-660 मेगावॉट विद्युत का उत्पादन भी मार्च 2022 तक शुरू हो जाएगा। वहीं 10,566 करोड़ रूपये की लागत से बन जवाहरपुर तापीय परियोजना की भी दोनो यूनिटों से भी 660-660 मेगावॉट विद्युत की निकासी की जाने लगेंगी।