इटावा , भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो सांसद और दो विधायक मिल कर भी मुलायम परिवार के किले के तौर पर विख्यात इटावा में जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट पर कब्जा करने में विफल रहे।
राजनीतिक विश्लेषकों के बीच चर्चा है कि जिले में इतने प्रभावशाली नेताओ की मौजूदगी के बावूजद भी भाजपा पंचायत चुनाव में केवल एक सीट तक ही सिमट कर रह गई। इटावा में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर मुलायम सिंह यादव के भतीजे अभिषेक यादव की जीत के बाद सपा खेमे में खुशी का माहौल हैं वहीं सत्तारूढ़ दल में मायूसी देखी जा रही है।
जीत से उत्साहित अभिषेक यादव कहते है कि उनकी जीत भाजपा की विफलताओ का परिणाम है। भाजपा नेता झूठ की राजनीति करती है। तभी तो इस स्थिति मे आ गई है उसे केवल एक ही सीट पर संतोष करना पडा है। पंचायत चुनाव में भाजपा को मात्र एक सीट ही हासिल हुई थी। ऐसा कहा जाए कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भाजपा की ओर से कोई प्रयास भी किया गया है।
भाजपा जिला अध्यक्ष अजय धाकरे का कहना है कि उनकी पार्टी के पास जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए निर्धारित जनमत नही था इसलिए उनकी पार्टी की ओर से उम्मीदवार की घोषणा भी नही की जा सकी । पार्टी हार के कारणो की समीक्षा करने मे लगी हुई है। हालांकि जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव से पहले भाजपा का हर छोटा बड़ा नेता जिला पंचायत अध्यक्ष पद से मुलायम परिवार का कब्जा मुक्त कराने का दावा करता था ।
दरअसल, भाजपा ने समाजवादी किले इटावा में 2017 के विधानसभा के चुनाव में सेंध लगायी थी जब इटावा सदर सीट से सरिता भदौरिया, भरथना सुरक्षित विधानसभा सीट से सावित्री कठेरिया ने जीत हासिल की। 2019 के संसदीय चुनाव में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो रामशंकर कठेरिया भाजपा से सांसद निर्वाचित हो गए।
इन तीन अति महत्वपूर्ण जीत के बाद भाजपा के प्रतिनिधि लगातार इस बात का दावा करते हुए देखे और सुने जाते रहे कि 1989 से इटावा जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर एक ही परिवार का कब्जा बरकरार बना हुआ है। भाजपा अबकी बार इस सीट पर अपना प्रतिनिधि हर हाल में बैठ आएगी और इसी पर बड़े स्तर पर काम भी शुरू कर दिया गया।
कभी लखनऊ से भाजपा का कोई मंत्री या बड़ा पदाधिकारी इटावा के दौरे पर आया करता रहा तो वह भी हमेशा इटावा जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपाई प्रतिनिधि को काबिज करने का ही दावा करता था। पिछले साल भाजपा ने महिला नेत्री गीता शाक्य को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया तब एक सभा मे भाजपा की जिला स्तर के तमाम छोटे-बड़े नेता हर किसी ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर इस दफा भाजपाई जनप्रतिनिधि को काबिज करने का दावा किया।