मथुरा, नार्थ इण्डिया एसोसियेशन आफ म्यूचुअल फन्ड्स इन इण्डिया (एएमएफआई)के सीनियर कन्सल्टेन्ट सूर्यकांत शर्मा ने कहा कि कोविद -19 जैसी परिस्थिति में अपना खर्च कायदे से चलाने के लिए हर परिवार को एक आपातकालीन फंड यानी इमरजैंसी फंड अवश्य बनाना चाहिये।
यह फंड ऐसा होना चाहिए जिससे उनके 12-15 महीने का मासिक खर्च चल सके । यह फंड परिवारो को आर्थिक परेशानियो में बहुत लाभकारी होगा।
श्री शर्मा ने गुरूवार को आयोजित एक वेबिनार में कहा “ म्यूचुअल फण्ड में न केवल दीर्घकालीन अथवा मध्यकालीन निवेश करने से अच्छे रिटर्न की संभावना रहती है बल्कि अति अल्पसमय के लिए किया गया निवेश भी लाभकारी होने की ज्यादा संभावना होती है।” उन्होंने कहा कि इसके लिए लोगों को धोखा देकर लुभाने एवं बाद में भाग जानेवाले व्यक्तियो,कम्पनियों (पोंजी स्कीम) में निवेश करने से निश्चित तौर पर बचना चाहिए तथा इसका सबसे अच्छा तरीका म्यूचुअल फन्ड में अपना धन नियमित एवम लगातार अनुशासित रूप से निवेश करना है।
इसकी सबसे बड़ी बात यह है कि बैंक तक में सेविंग बैंक खाते में अति अल्प समय के लिए लगाए गए धन से उतना लाभ नही मिलता जितना म्यूचुअल फन्ड के लिक्विड फंड में मिलता है। म्यूचुअल फंड में अत्याधिक पारदर्शिता के साथ साथ सभी वर्ग के लोगों के लिए ऐसे निवेश की सुविधा मिलती है जो दीर्घकालीन या अल्पकालीन समय के लिये होने के बावजूद भी बेहतर मुनाफा देनेवाले साबित हो सकते है।
शर्मा ने कहा कि म्यूचुअल फंड की एक मुख्य विशेषता यह भी है कि कोविद-19 जैसी विषम परिस्थित में इसे चालू रखने, कुछ समय के लिए रोकने या समयावधि बढ़ाने या थोडे समय के लिये बन्द करने की सुविधा भी इसमे है।यही नही जब बाजार में अनिश्चितता होती है तो म्यूचुअल फन्ड ’’डेट फन्ड ’’ में निवेश की सुविधा उपलब्ध कराता है जिसमें जोखिम कम होता है और ’’हैन्डी लिक्विडिटी’’ भी मिलती है ।
एक प्रश्न का उत्तर देते हुये मुख्य वक्ता ने कहा कि एएमएफआई म्यूचुअल फंड के निवेशकों को किसी प्रकार के अंधेरे में नही रखता तथा अपने सभी विज्ञापनों में लगातार स्पष्ट करता है कि म्यूचुअल फन्ड में निवेश बाजार की स्थिति और ’’सिस्टमेटिक रिस्क’’ के अधीन है तथा अपनी वेबसाइट पर लगातार म्यूचुअल फंड की सभी स्कीमो की वर्तमान स्थित को अपडेट करता रहता है ।