जयपुर, राजस्थान में प्रति वर्ष तम्बाकू जनित पदार्थो के सेवन से करीब 70 हजार लोगों की मौतें होती है। यह जानकारी आज यहां विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर स्वयं सेवी संस्था वाग्धारा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में दी गई।
वाग्धारा संस्थान के सचिव जयेश जोशी ने बताया कि तम्बाकू जनित पदार्थो से राज्य सरकार को प्राप्त राजस्व के बदले करीब पांच गुना ज्यादा खर्च तंबाकू जनित बीमारियों के इलाज पर करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि तंबाकू खाने के बाद इधर-उधर थूकने से अस्वास्थ्यकारक प्रवृत्तियाँ उत्पन्न होती हैं तथा वातावरण भी दूषित होता है। तम्बाकू जनित बीमारियों के मरीजों पर राज्य के सरकारी अस्पतालों के 30 प्रतिशत संसाधन खर्च होते हैं।
वाग्धारा संस्था के सहयोग से जिले में गत अक्तूबर में जयपुर को तम्बाकू मुक्त करने की कार्ययोजना बनाने हेतु जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में आज सभी संबन्धित विभागों से विस्तृत चर्चा की गई थी। इसके पश्चात जयपुर के सरकारी विभागों ने अपने-अपने कार्यस्थलों तथा कार्यालयों और उनके आस-पास तम्बाकू नियंत्रण कानूनों की अनुपालना सुनिश्चित कर उन्हें कोटपा अनुपालित घोषित किया था। इस प्रक्रिया में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रथम एवं द्वितीय द्वारा सक्रिय भूमिका निभा कर पूर्ण सहयोग दिया गया।