पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की अयोध्या को लेकर योगी सरकार से की ये अपेक्षा
November 12, 2019
लखनऊ, बाबरी विध्वंश के आरोपी और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने अयोध्या मसले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुये कहा कि राम जन्मभूमि को कानूनी मान्यता मिलने के बाद सरकार से अपेक्षा है कि वह राजा रामचन्द्र की नगरी के चर्तुमुखी विकास और रोजगार के समुचित उपाय सुनिश्चित करे।
श्री सिंह ने सोमवार को यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चार सदी से भी ज्यादा पुराने इस विवाद का सर्वमान्य फैसला करने के लिये उच्चतम न्यायालय बधाई का हकदार है। रामजन्मभूमि के हक में फैसला सुनाने के साथ उच्चतम न्यायालय ने मस्जिद के लिये पांच एकड़ जमीन मुहैया कराने का आदेश दिया है।
इसे किसी वर्ग की हार या जीत के तौर पर नहीं देखना चाहिये। वास्तव में यह देश के हर नागरिक की जीत है। अब सरकार का काम है कि मर्यादा पुरूषोत्तम की नगरी में विकास की गंगा बहा दे। इसे दुनिया का भव्य धार्मिक पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करे ताकि यहां हर वर्ग के लोगों को रोजगार मिल सके और वह खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकें।
उन्होने कहा कि जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिये तीन महीने के भीतर ट्रस्ट बन जाने से कई अनसुलझे विवादो का अंत स्वयं ही हो जायेगा। ट्रस्ट में किसको जगह देनी है, यह सरकार को सोचना है लेकिन मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो जाना हर एक के लिये खुशी की बात है।
मंदिर निर्माण के नाम पर भारतीय जनता पार्टी का मुद्दा समाप्त हो जाने के बारे मेे पूछे गये सवाल पर वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि अयोध्या का मामला कभी राजनीतिक मुद्दा नहीं था। राम की नगरी आस्था का केन्द्र सदियों से रही है और इस नाते इसे सांस्कृतिक मुद्दा कहा जाना उचित होगा।
उन्होने कहा कि राम भक्त होने के नाते अयोध्या से उन्हे खासा लगाव है और उच्चतम न्यायालय का निर्णय राम जन्मभूमि के पक्ष में होने से उन्हे प्रसन्नता हुयी है। वह जल्द ही अयोध्या जायेंगे और जन्मभूमि पर विराजमान रामलला के दर्शन करेंगे। मंदिर का शिलान्यास के बारे में पूछे गये सवाल पर श्री सिंह ने कहा कि राम मंदिर का शिलान्यास के बारे में कोई विवाद नही है। यह काम मुख्यमंत्री योगी करें या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों हो। हालांकि ट्रस्ट के गठन के बाद इस बारे में स्वत: ही तय हो जायेगा।
बाबरी विध्वंस के बारे में उन्होने कहा कि इस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, डा मुरली मनोहर जोशी,उमा भारती और वह खुद आरोपी है। यह मामला सीबीआई कोर्ट में चल रहा है जिसमें 39 गवाहों में से सात की गवाही हो चुकी है। चूंकि मामला अदालत में है। इस बारे में कुछ भी कहना उचित नहीं होगा।