यह जानकारी देते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी चन्द्रशेखर ने बताया कि शासन स्तर से हरी झंडी मिलने के बाद फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी कर रहे 60 शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। इन निलंबित शिक्षकों ने सत्र 2004 और 2005 में फर्जी डिग्री के सहारे नियुक्ति प्राप्त की थी।
उन्होंने बताया कि 2016 में एसआईटी की जांच में सामने आया था कि डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा में 2004- 2005 में बीएड की फर्जी डिग्री का प्रकरण प्रकाश में आया था, जिन्हे लगाकर पूरे प्रदेश में 4700 शिक्षक नियुक्त हुए थे।
पूरे प्रकरण की जांच शासन स्तर पर एसआईटी टीम, जिले की पुलिस और शिक्षा विभाग द्वारा कराई गई थी। इसमें मथुरा जिले में 60 शिक्षक फर्जी पाए गए, जिनकी बीएड की डिग्री फर्जी निकली। जो डिग्रिया फर्जी निकलीं उनमें अम्बेदकर विश्वविद्यालय में टेबुलेशन चार्ट में हेराफेरी की गई थी।
श्री चन्द्रशेखर ने बताया कि बीएड की फर्जी डिग्री का खुलासा होने पर एसआईटी की टीम द्वारा जांच कराई गई और आरोप सही पाया गया था। इन्ही डिग्रियों को लगाने के कारण 60 फर्जी शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि अभी जांच की जा रही है लेकिन जिन शिक्षकों को निलम्बित कर दिया गया है उन्हें आरोप पत्र भी जारी कर दिए गए हैं।
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जिन शिक्षकों को निलम्बित किया गया है वे अब इस जिले में नही हैं। प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐसे शिक्षकों के बारे में आपस में मिलान कर रहे हैं जिससे आरोपी शिक्षकों तक कृत कार्रवाई जल्दी पहुंच सके। उनका यह भी कहना था कि इसके बाद कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।