नई दिल्ली, किसानो के इतने बुरे दिन आ गये है कि अब उनको ओले बेचने पड़ रहे है। यमुनानगर में रामलीला के टेंट पर इतनी बर्फ गिरी की वहां के कलाकार किसान ने इसे रेहड़ी पर रख लिया और इन्हें बेचने के लिए निकल पड़ा। यह किसान रामलीला में भगवान श्रीराम का किरदार निभाता है।
इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। आज आंधी के साथ हुई बरसात के कारण जहां सड़कें जलमग्न हुई, वहीं बारिश के साथ ओले पडऩे से किसानों की धान, गन्ने,सब्जी की फसलें बर्बाद हो गई हैं। इसके साथ मंडियों में धान भी भीग कर खराब हो गई। सही व्यवस्था नहीं होने से रादौर में किसानों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया। कई स्थानों पर पेड़ टूट कर बिजली के तारों पर गिर गए, जिससे विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई।
जगाधरी वर्कशाप की रेलवे कॉलोनी के क्वार्टरों में पानी घुस गया। हाईवे 73 पर कमानी चौक के नजदीक सड़क जलमग्न होन से जाम की स्थिति रही। अनाज मंडी में सीवरेज ब्लॉक होने से पानी जमा हो गया। हजारों क्विंटल धान भीग गया। श्रमिकों ने धान को उठा कर शेड में रखने का प्रयास किया, लेकिन तब तक भीग चुका था।
रामलीला में राम का किरदार निभा रहे किसान के बेटे पारस ने रेहड़ी पर ओले बेचे। गत रात्रि में राम वनवास का मंचन था। इस मंचन के बाद पात्र घर नहीं जाते। उनको रामलीला गाउंड में ही रोकने की व्यवस्था की जाती है। इसी के चलते मंचन खत्म होने पर राम, पंकज सीता, लक्ष्मण राकेश कश्यप रात को रामलीला ग्राउंड में ही सोए हुए थे। जैसे ही अलसुबह बरसात के साथ ओलावृष्टि शुरू हुई तो उन्होंने छिपकर जान बचाई। चंद मिनटों में टेंट के ऊपर ओलों का ढेर लग गया। भार के कारण टेंट फटने लगा। तभी राम, लक्ष्मण व सीता ने टेंट खोलकर ओले एकत्र कर लिए।
टेंट से ओले एकत्र करते हुए उनकी नजर एक रेहड़ी पर पड़ी। ओलों को रेहड़ी पर रखकर राम का किरदार निभाने वाले पारस से उनको बेचना शुरू कर दिया। मंचन से कुछ ही दूर पर गए थे। वहां पर लोगों ने उनकी वीडियो बना ली। पारस का कहना है कि ओलों ने किसान का सोना धान व अन्य फसल तबाह कर दी। इसके किसान को आर्थिक नुकसान हुआ है। व्यंग्य करते हुए सरकार से किसानों की मदद की मांग की है। ओले ले लो ताजे हैं….. ये कहकर गली में आवाज लगाई थी। सुबह छह बजे ही इकटठे किए हैं। एकदम ताजे और करारे हैं। फ्री में सेल किए जाएंगे।