लखनऊ , पराली निस्तारण को लेकर किसानों की समस्या का जिक्र करते हुये भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने उत्तर प्रदेश सरकार को सलाह दी है कि वह किसानो काे पराली एवं पत्ती निष्पादन के लिये प्रति एकड़ तीन हजार रूपये उपलब्ध कराये।
भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सूबे के प्रमुख सचिव कृषि को पत्र लिखकर कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कृषि विभाग की दो सितम्बर को वीडियों कांफ्रेंसिंग में पराली एवं पत्ती के निस्तारण के लिये उच्च न्यायालय के निर्णय के सम्बन्ध में चर्चा की गयी थी। इस सम्बन्ध में अभी तक कोई भी ऐसी प्रभावी तकनीकी उपलब्ध नहीं है जो कम खर्च पर इसका निस्तारण कर सके।
उन्होने कहा कि कुछ यन्त्र जो बाजार में उपलब्ध हैं उनमें संस्थाओं व खाद्य उपभोक्ता समूह पर छूट ज्यादा उपलब्ध है, लेकिन उसका लाभ दूसरे किसानों को नहीं मिलता। यन्त्र की कीमत अधिक होने व छूट कम होने के कारण किसान उसको व्यक्तिगत रूप से खरीद नहीं पा रहे हैं। पिछले साल उच्च न्यायालय ने 100 रूपये प्रति कुन्तल पराली निस्तारण के लिये किसानों को दिये जाने के आदेश दिये गये थे, लेकिन यह पैसा किसानों को उपलब्ध नहीं कराया गया।
श्री टिकैत ने कहा कि केन्द्र सरकार ने इसके निस्तारण के लिये 151.80 करोड़ रूपये का फंड बनाया गया था। जिसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश को 2018-19 में 148.60 करोड़ एवं 2019-20 में 105.28 करोड़ रूपये उपलब्ध कराये गये हैं। आज भी पराली निष्पादन के लिये कोई प्रभावी योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नहीं चलायी जा रही है।
उन्होने कहा कि भाकियू का सुझाव है कि न्यायालय के आदेशानुसार 100 रुपये कुन्तल को क्षेत्रफल के आधार पर तय करते हुए एक एकड़ में लगभग 30 कुन्तल पराली व पत्ती होती है। जिसका तीन हजार रुपये प्रति एकड़ किसान को उपलब्ध कराये जायें। एक एकड़ में लगभग चार हजार रूपये का खर्च पराली व पत्ती के निस्तारण में आता है जिससे भविष्य में इस तरह की समस्या पर नियंत्रण किया जा सके।