लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिवाली के पहले राज्य के 15 लाख कर्मचारियों को एक माह के बोनस भुगतान की मंजूरी दे दी है।मुख्यमंत्री योगी के इस फैसले से प्रदेश के 14,82,187 कर्मचारियों को सीधे तौर पर फायदा मिलेगा। इससे राजकीय कोष पर ₹1022.75 करोड़ का व्यय भार आएगा। मुख्यमंत्री कार्यालय ने गुरुवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रदेश के समस्त अराजपत्रित राज्य कर्मचारियों, राजकीय विभागों के कार्य प्रभारित कर्मचारियों, राज्य वित्त पोषित शिक्षण संस्थाओं, स्थानीय निकायों व जिला पंचायत के कर्मचारियों तथा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को दिवाली पर बोनस मिलेगा। गत वर्ष की भांति बोनस की 75 प्रतिशत धनराशि भविष्य निधि खाते में जमा की जाएगी, जबकि 25 प्रतिशत धनराशि का नकद भुगतान किया जाएगा। जो कर्मचारी भविष्य निधि खाते के सदस्य नहीं है, उन्हें धनराशि का आहरण कर उससे एनएससी प्रदान की जाएगी अथवा सम्बन्धित धनराशि पीपीएफ खाते में जमा की जाएगी।
जो कर्मचारी अधिवर्षता की आयु पर 31 मार्च, 2020 के बाद सेवानिवृत्त हो चुके हैं, अथवा 30 अप्रैल,2021 तक सेवानिवृत्त होने वाले हैं, उनको अनुमन्य तदर्थ बोनस की सम्पूर्ण धनराशि का नकद भुगतान किया जाएगा।तदर्थ बोनस के भुगतान की गणना के लिये मासिक परिलब्धियों की अधिकतम सीमा ₹7000 होगी। तदर्थ बोनस के लिये एक माह में औसत दिनों की संख्या 30.4 के आधार पर दिनांक 31 मार्च, 2020 को ग्राह्य परिलब्धियों के अनुसार 30 दिन की परिलब्धयां आगणित की जाएंगी।
31 मार्च, 2020 को वास्तविक औसत परिलब्धियां ₹7000 से ज्यादा होने की स्थिति में ₹7000 की परिकल्पित परिलब्धि मानकर दिनांक 31 मार्च, 2020 को 30 दिन की परिलब्धियां तदर्थ बोनस के रूप में दी जाएंगी। तदर्थ बोनस की सुविधा दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को भी मिलेगी। ऐसे दैनिक वेतन कर्मचारी, जिन्होंने 06 कार्य दिवसीय सप्ताह वाले कार्यालयों में 31 मार्च, 2020 को 03 वर्ष अथवा उससे अधिक समय तक लगातार कार्य किया हो और प्रत्येक वर्ष कम से कम 240 दिन कार्य किया हो और 05 कार्य दिवसीय सप्ताह वाले कार्यालयों के मामले में 03 या इससे अधिक वर्ष में हर वर्ष 206 दिन कार्यरत रहे हों। दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के मामले में तदर्थ बोनस के आगणन हेतु अधिकत्तम् मासिक परिलब्धियां ₹1200 प्रतिमाह मानी जाएगी। बता दें कि प्रदेश में 8,80,187 अराजपत्रित राज्य कर्मचारी, 6,000,00 राज्य वित्त पोषित शिक्षण संस्थाओं के शिक्षक व तथा 2000 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी इस दायरे में आते हैं।