होटल व पर्यटन उद्योग पर हुआ पहला राष्ट्रीय वेबिनार, 60 शोध पत्र प्रस्तुत

चंडीगढ़, होटल व पर्यटन उद्योग पर  पहला राष्ट्रीय वेबिनार संपन्न हुआ, जिसमें 60 शोध पत्र प्रस्तुत किये गये।

कोविड-19 के अर्थव्यवस्था, खासकर होटल व पर्यटन क्षेत्र पर हुए व्यापक नुकसान के संदर्भ में शिक्षाविदों को आगे आकर मिलकर अनुसंधान करना चाहिए और इसके कारणों, नतीजों व भविष्य की रणनीति पर चर्चा करनी चाहिए।

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यह वक्तव्य डीयूआई के प्रोफेसर शंकर झा ने पंजाब यूनिवर्सिटी के होटल एवं पर्यटन प्रबंधन संस्थान (यूआईएचटीएम) की तरफ से आज आयोजित पहले राष्ट्रीय वेबिनार (वेब पर सेमिनार) के अवसर पर दिया।

वेबिनार का उद्देश्य कोविड-19 के कारण पिछली 22 मार्च से किये लॉकडाऊन के होटल एवं पर्यटन व्यावसाय पर पड़े असर और इससे निबटने के लिए आगे की रणनीति बनाने पर चर्चा करना था। वेबिनार में देश भर से 60 शोध पत्र पेश किये गये।

प्रोफेसर झा ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि समूचा होटल एवं पर्यटन उद्योग लॉकडाऊन में है और सभी शिक्षाविदों, नीति निर्धारकों की जिम्मेवारी है कि मिल कर इसके कारणों, नतीजों व भविष्य की रणनीति पर चर्चा करें। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा केवल अकादमिक विकास के लिए नहीं बल्कि समाज व राष्ट्र निर्माण के लिए होती है और इस संकट की घड़ी में अंत:विषय अनुसंधान व नीति अनुसंधान माइक्रो व मैक्रो स्तर पर केंद्रित होना चाहिए।

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मुख्य अतिथि के रूप में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी बंसल ने इस अवसर पर अपने संबोधन में चुनौतियों व अवसरों पर बात की। उन्होंने कहा कि नये कारोबारी मॉडल और नये मांग पैटर्न सामने आयेेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एईआईओयू मंत्र यानी अनुकूलन क्षमता, प्रभाविकता, समाविष्टि, अवसर और सार्वजनिकता पर जोर दिया।

जम्मू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर परीक्षत मन्हास ने कोविड-19 से पहले के समय पर बात की। दिल्ली के होटल क्राऊन प्लाजा के कार्यकारी शेफ दिवस वधेरा ने स्वच्छता के माहौल में सुधार पर जोर दिया और कहा कि नये कारोबारी मॉडल सामने आयेंगे।

रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आशिष दाहिया ने कहा कि उद्योग को संभालने के लिए अस्थायी व्यवस्था के तौर पर भी कुछ कदम उठाने होंगे।

ई दिल्ली के द पार्क के मानव संसाधन निदेशक दीपक बहल ने कहा कि लघु अवधि और दीर्घावधि के लक्ष्यों की योजना बनानी होगी।
यूआईएचटीम के प्रोफेसर प्रशांत गौतम ने यह सवाल उठाया कि छात्र पर्यटन एवं होटल उद्योग के भविष्य को कैसे देखते हैं। उन्होंने नयी व्यावसायिक चुनौतियों पर जोर दिया।

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