ओडिशा, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ट्रांसजेंडर समुदाय की पहली राजपत्रित सरकारी अधिकारी अपने लिव इन पार्टनर के साथ शादी रचाएंगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कि गे सेक्स अपराध नहीं है, उनके शादी रचाने का रास्ता साफ हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने छह सिंतबर को आईपीसी की धारा 377 के अंतर्गत अब बालिगों के बीच समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल समुदाये के लोगो को सम्मान के साथ जीवन जीने का रास्ता खोल दिया है। इसका सबसे बड़ा फायदा उन लोगों को मिलने जा रहा है जो इस वजह से अब तक अपराधियों की तरह रह रहे थे। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब ओडिशा की पहली ट्रांसजेंडर सरकारी अफसर ऐश्वर्या रितुपर्णा प्रधान ने घोषणा की है कि वह अब शादी करने जा रही हैं।
34 वर्षीय ऐश्वर्या ओडिशा फाइनेंस सर्विस में अधिकारी हैं। वह उस समय चर्चा में आई थीं, जब वह ओडिशा की पहली ट्रांसजेंडर अधिकारी बनीं थीं।2014 में जब सुप्रीम कोर्ट ने थर्ड जेंडर को बाकायदा पहचान दी, तब उन्होंने अपने आपको पुरुष से थर्ड जेंडर के रूप में दिखाया। इसके बाद ओडिशा सरकार ने बाकायदा नोटिफिकेशन जारी कर उनकी पहचान को मान्यता दी।
ऐश्वर्या का कहना है कि इस फैसले के बाद वह आजाद महसूस कर रही हैं। मेरे जीवन में कुछ भी छिपा नहीं है। मैं अपने पार्टनर के साथ दो साल से लिव इन में रह रही हूं। अब हम जल्द शादी करने जा रहे हैं। उनका कहना है कि कोर्ट को हमारे जैसे नागरिकों को कानूनी रूप से सशक्त करने की जरूरत है।साथ ही ऐश्वर्या रितुपर्णा प्रधान ने कहा अगर कानून ने इजाजत दी तो वह एक बच्चा भी गोद लेना चाहेंगी।