प्रयागराज, कॉन्फडरेशन आफ आल इंड़िया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र गोयल ने बताया कि फ्लिपकार्ट और आदित्य बिरला फैशन एंड रिटेल लिमिटेड़ (एबीएफआरएल) के बीच हुई डील मामले में सरकार की एफडीआई नीति के उल्लंघन को लेकर कैट ने वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल को पत्र लिखा है।
कैट ने 27 अक्टूबर को वाणिज्य मंत्री को लिखे गये पत्र में कहा कि आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल ने वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली ई कामर्स कंपनी फ्लिपकार्ट को अपनी 7.8 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की मंजूरी दी है। कैट ने वाणिज्य मंत्री से मांग की है कि सौदे की शर्तों का भली प्रकार संज्ञान लेने के बाद ही आगे की प्रक्रिया पर विचार करें अन्यथा रद्द किया जाए।
श्री गोयल और चेयरमैन संजय गुप्ता ने एक रिलीज जारी कर बताया कि स्टॉक एक्सचेंज को दिए गए अपने घोषणा वक्तव्य में एबीएफआरएल ने बताया है कि वालमार्ट के स्वामित्व वाली कंपनी फ्लिपकार्ट उसकी कम्पनी में 7.8 फीसदी हिस्सा खरीद रही है। इस सौदे को बदलने के लिए फ्लिकार्ट ई कॉमर्स प्लेटफार्म पर एबीएफआरएल एक प्रेफर्ड सेलर के रूप में काम करेगा लेकिन यह सीधे तौर पर एफडीआई पाॅलिसी का उल्लंघन है।
श्री गोयल ने रिलीज के माध्यम से बताया है कि मौजूदा एफडीआई पॉलिसी किसी भी विदेशी कंपनी को ऐसी किसी भी कंपनी में जिसमें उसका निवेश हो को ई कामर्स समेत मल्टी ब्रांड रिटेल ट्रेडिंग में किसी भी प्रकार के गठजोड़ की अनुमति नहीं देती है, फिर चाहे वह ऑनलाइन ई काॅमर्स प्लेटफार्म से ही क्यों न/न जुड़ा हो। बजनेस टू बिजनेस की आड़ में ई कॉमर्स पर सामान बेचना हो, को पालिसी में स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित किया गया है।
इस प्रावधान की दृष्टि से फ्लिपकार्ट का निवेश करने के बाद एबीएफआरएल फ्लिपकार्ट या उससे संम्बधित किसी भी ई काॅमर्स पोर्टल पर अपना सामान बेचने के लिए प्रतिबंधित हो जाता है जबकि ठीक इस प्रावधान के विरूद्ध जाते हुए आदित्य बिड़ला ने स्टाॅक एक्सचेंज को दिए अपने घोषणा वक्तव्य में फ्लिपकार्ट के पोर्टल पर अपना सामान बेचने की बात कही है।
इलाहाबाद यूनिट के उपाध्यक्ष अजय गुप्ता ने कहा है कि सरकार ने इस मुद्दे को पहले ही समझते हुए एफडीआई पालिसी में इस सम्भावना को प्रतिबंधित कर दिया था जिससे सरकार की नीयत साफ है कि देश में ई काॅमर्स के माध्यम से व्यापार बढ़े और व्यापार के आधुनिक तरीके भारत के व्यापार में भी अपनाए जाएं जिससे देश के छोटे व्यापारियों को कोई नुकसान नहीं हो। उन्होने आरोप लगाया कि फ्लिपकार्ट समेत अन्य ई कामर्स कंपनियों द्वारा पूर्व में इस प्रावधान का उल्लंघन किये जाने से एक बार फिर बढ़ावा मिला है।
आशुतोष गोयल, इलाहाबाद यूनिट के संगठन मंत्री, ने कहा कि यह विदेशी निवेश ऐसे समय में हो रहा है जब विदेशी ई कामर्स कंपनियों ने पहले ही हमारे देश के रिटेल व्यापार को नुकसान पहुंचाया है और शेष को कोरोना महामारी ने पूरी कर दी है। उन्होने वाणिज्य मंत्री का ध्यान इस ओर आकर्षित करते हुए मामले में तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है।