नई दिल्ली, अब भारत मे जल्द ही फ्लाइंग कार (उड़ने वाली कार) का निर्माण शुरू हो जायेगा।
नीदरलैंड की पर्सनल एयर एंड लैंडिंग व्हीकल (पाल-वी) कंपनी ने फ्लाइंग कार के निर्माण के लिए गुजरात में संयंत्र लगाने के लिए राज्य सरकार के साथ एमओयू किया।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की उपस्थिति में हुए एमओयू पर गुजरात सरकार की ओर से उद्योग विभाग के प्रधान सचिव
एम.के. दास तथा पाल-वी कंपनी की ओर से इसके वाइस प्रेसीडेंट (अंतर्राष्ट्रीय बिजनेस डेवलपमेंट) कार्लो मासबोमिल ने हस्ताक्षर किए।
राज्य सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि पाल-वी को गुजरात में अपना संयंत्र शुरू करने के लिए केंद्र सरकार से आवश्यक अनुमतियां हासिल करने में राज्य सरकार मदद करेगी।
इस मौके पर श्री कार्लो ने कहा कि गुजरात में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (व्यापार सुगमता), विश्वस्तरीय आधारभूत सुविधाओं तथा विकसित बंदरगाहों जैसी बातों के चलते कंपनी ने अपने संयंत्र के लिए इस राज्य का चयन किया है।
गुजरात में सुजुकी और फोर्ड मोटर्स जैसी बड़ी कंपनियों के संयंत्र हैं तथा यहां कम लागत में उत्पादन और अनुकूल माहौल के चलते यहां से यूरोप तथा अमेरिका समेत अन्य देशों में निर्यात करने में भी सरलता रहेगी। इन सभी मुद्दों का व्यापक अध्ययन उनकी कंपनी ने किया है।
उनकी कंपनी की योजना गुजरात में बनने वाली फ्लाइंग कार की अगले साल के मध्य तक व्यवसायिक लांचिंग करने है। यूरोप तथा अमेरिका से ऐसी 110 कारों के आर्डर भी मिल चुके हैं।
उन्होंने बताया फ्लाइंग कार के व्यवसायिक उत्पादन के लिए जरूरी अनुमति उन्हें मिल गयी है। इसमे छोटे हवाई जहाज में इस्तेमाल होने वाले रोटेक्स इंजन का उपयोग किया जाएगा।
कार जब जमीन पर चलेगी तो इसका एक इंजन काम करेगा और यह 160 किमी प्रति घंटे तक की गति से चलेगी जबकि हवा में इसके दोनो इंजन काम करेंगे और यह 180 किमी प्रति घंटे की गति से उड़ान भरेगी।
यह महज तीन मिनट में ही सड़क पर दौड़ते हुए टेक ऑफ कर उड़ने लगेगी।
ईंधन का टैंक भरा रहने पर यह 500 किमी तक का सफर तय कर सकेगी।