वाशिंगटन, कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो बुधवार को द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए इजरायल की यात्रा पर रवाना हो गए।
इस यात्रा के दौरान श्री पोम्पियो यरूशलम में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनके पूर्व प्रमुख राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी, और संसद अध्यक्ष बेनी गैंट्ज़ के साथ बैठक करेंगे। एक साल के भीतर तीन आम चुनावों के बाद दोनों नेताओं के एक गठबंधन समझौते पर हस्ताक्षर करने से सरकार बनने के अंतिम चरण में हैं। इस सप्ताह सरकार के गठन होने की उम्मीद है।
पूर्वी देशों के सहायक विदेश मंत्री डेविड चेंकर ने संवाददाता सम्मेलन में श्री पोम्पियो की यात्रा के बारे में कहा, “इजराइल इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान मजबूत और अनुभवी नेतृत्व पाने के लिए भाग्यशाली है और अमेरिका में इसी तरह के मजबूत और अनुभवी नेतृत्व के लिए हम भाग्यशाली हैं।” समझौते के अनुसार पहले 18 महीनों के लिए श्री नेतन्याहू और अगले डेढ़ वर्ष के लिए गेंट्ज कैबिनट के प्रभारी होंगे।
श्री चेंकर ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित विवादित शांति समझौते पर भी बातचीत हो सकती है और अमेरिकी अधिकारियों ने इजरायल के कब्जे वाले पश्चिमी तट के कुछ हिस्सों पर अपनी संप्रभुता का विस्तार करने के इरादे के बारे में अभी कोई पुष्ट बात नहीं कही है कि इजरायल एकतरफा कदम उठायेगा या नहीं ।
उन्होंने कहा, “अमेरिका के रूख में कोई बदलाव नहीं हुआ है और हम इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच शांति के लिए अमेरिकी दृष्टिकोण को पेश करते हुए राष्ट्रपति द्वारा जनवरी में सुझाए गए विचार का पालन करना जारी रखेंगे,। हम इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच सीधी बातचीत को लेेकर काफी आशान्वित हैं।”
उन्होंने कहा, “ जहां तक सीमाओं और कुछ हिस्सों को अपने अधिकार में लेने की बात है या जो भी उस दिशा में किया जाना है तो मैं यही कहूंगा कि मैं यहां उनके बारे में विशेष तौर पर बात नहीं करना चाहता क्योंकि हमारे पास अमेरिका-इजरायल सबंधों का निर्धारण करने के लिए एक समिति है, जो काम कर रही है और मैं इस बारे में कोई भी ऐसी कोई बात नहीं करना चाहता जो पहले से तय धारणाओं पर आधारित हो।”