तिरुचिरापल्ली, उच्चतम न्यायायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए आर लक्ष्मणन का गुरुवार सुबह यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 78 वर्ष के थे।
न्यायमूर्ति लक्ष्मणन एक निजी अस्पताल में आयुजनित रोगों का उपचार करा रहे थे। उनके परिवार में दो बेटे और दो बेटियां हैं। उनकी पत्नी मीनाक्षी अच्ची का शिवगंगा जिले के कराईकुडी में दो दिन पहले निधन हो गया था। उनके एक बेटे ए आर एल सुंदरेशन मद्रास उच्च न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं।
न्यायमूर्ति लक्ष्मणन का जन्म शिवगंगा जिले के देवकोट्टाई में वर्ष 1942 में हुआ। उन्होंने तिरुचिरापल्ली में सेंट जोसेफ कॉलेज से स्नातक किया था और मद्रास लॉ कॉलेज से 1966 में कानून की डिग्री हासिल की थी।
न्यायमूर्ति लक्ष्मणन ने 20 दिसंबर 2002 से 21 मार्च 2007 तक उच्चतम न्यायालय में अपनी सेवाएं दी। इससे पहले, न्यायमूर्ति लक्ष्मणन मद्रास उच्च न्यायालय और केरल उच्च न्यायालय में न्यायाधीश रहे थे। उन्होंने आंध्र प्रदेश और राजस्थान में भी मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपनी सेवा दी थी।
उच्चतम न्यायालय से सेवानिवृत्त होने के बाद वह देश के 18वें विधि आयोग के अध्यक्ष रहे और देश की न्यायिक प्रणाली में सुधार के बारे में एक साल में उन्होंने सरकार को 32 रिपोर्ट सौंपी।
न्यायमूर्ति लक्ष्मणन ने अपनी एक रिपोर्ट में चेन्नई सहित देश के चार क्षेत्रों में सर्वोच्च न्यायालय के क्षेत्रीय पीठों की स्थापना की भी सिफारिश की थी। वह वर्तमान में शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त मुल्ला पेरियार पैनल में तमिलनाडु के मौजूदा प्रतिनिधि थे।
न्यायमूर्ति लक्ष्मणन का अंतिम संस्कार आज उनके पैतृक स्थान देवकोट्टाई में किया जाएगा। पूर्व वित्त मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदम्बरम सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।