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दिल्ली-यूपी बॉर्डर बना संघर्ष का मैदान,किसान-जवान आमने,समाने..

नई दिल्ली,भारतीय किसान यूनियन  के बैनर तले बड़ी संख्या में किसान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं. हरिद्वार से निकली किसानों की रैली को यूपी-दिल्ली की सीमा पर रोक दिया गया है. हरिद्वार से आ रहे इन किसानों को दिल्ली में दाखिल होने की इजाजत नहीं दी गई है, बावजूद इसके किसान अपनी जिद पर लड़े हैं. जिसके मद्देनजर दिल्ली-यूपी बॉर्डर को सील कर दिया गया है. साथ ही बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं. ऐहतियातन पूर्वी दिल्ली में धारा-144 लागू कर दिया गया है.

हजारों की संख्‍या में यहां किसान एकत्र हो रहे हैं. ये सभी दिल्‍ली में घुसने के लिए पुलिस की बेरीकेडिंग तोड़ रहे हैं. पुलिस ने किसानों को शांत करने के लिए पानी की बौछार छोड़ी. आंसू गैस के गोले भी दागे जा रहे हैं. दिल्‍ली-यूपी बॉर्डर पर भारी संख्‍या में पुलिस बल तैनात किया गया है. बता दें कि किसानों को दिल्‍ली में रैली की इजाजत नहीं है.

इस पर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के अध्‍यक्ष नरेश टिकैत ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्‍होंने सरकार से सवाल किया कि हमें यहां क्‍यों रोका गया है. नरेश टिकैत ने कहा ‘हम सभी किसान अपनी रैली को शांतिपूर्वक और अनुशासित तरीके से कर रहे हैं. अगर हम अपनी ही चुनी हुई सरकार से अपनी समस्‍याएं नहीं बताएंगे तो हम किससे बताएंगे. क्‍या हम इसके लिए पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश जाएं?’

कर्जमाफी और बिजली बिल के दाम करने जैसी मांगों को लेकर किसान क्रांति पदयात्रा 23 सितंबर को हरिद्वार से आरंभ हुई थी. जिसके बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और मेरठ जिलों से गुजरते हुए किसान सोमवार (1 अक्टूबर) को गाजियाबाद तक पहुंच गए. जहां इन किसानों को रोक दिया गया.

इन किसानों की योजना गांधी जयंती के मौके पर राजघाट से संसद तक मार्च करने की है. लेकिन दिल्ली पुलिस की तरफ से उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी गई है. साथ ही दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर को सील कर दिया गया है. पुलिस ने बेरिगेटिंग कर दी है. यूपी पुलिस और दिल्ली पुलिस ने दिल्ली की तरफ जाने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया गया है.