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दूसरी तिमाही में GDP हुई धड़ाम,आर्थिक मोर्चे पर बड़ा झटका

नई दिल्ली,देश के विकास दर में दूसरी तिमाही में बड़ी गिरावट हुई है। सरकार के ताजा आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी पिछली तिमाही के मुकाबले गिरकर 7.1 फीसदी रही गई है।

विकास दर में गिरावट का मुख्य कारण डॉलर के खिलाफ रुपये के मूल्य में आई गिरावट और ग्रामीण मांग में कमी आना है।हालांकि वित्तवर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में जीडीपी में गिरावट के बावजूद जीडीपी की वृद्धि दर पिछले वित्तवर्ष की समान तिमाही की तुलना में अधिक रही है। वित्तवर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 6.3 फीसदी रही थी, जबकि मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में ये आंकड़ा 7.1 है।पहली तिमाही में देश की जीडीपी 8.2 पर्सेंट रिकॉर्ड की गई थी. इस लिहाज से मात्र तीन महीने में जीडीपी में 1.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक आठ कोर सेक्टरों में विकास दर धीमी होकर अक्टूबर में 4.8 प्रतिशत रह गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में ये विकास दर 5 फीसदी थी। सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक व्यापार, होटल, ट्रांसपोर्ट, संचार सेक्टर में विकास की रफ्तार घटी है। इस साल की दूसरी तिमाही में कृषि क्षेत्र में विकास दर 3.8 फीसदी रही जबकि पिछले साल इसी अवधि में ये डाटा 2.6 परसेंट था। वहीं औद्योगिक विकास की दर 6.8 फीसदी दर्ज की गई, पिछले साल दूसरी तिमाही में ये आंकड़ा 6.1 प्रतिशत था। निर्माण के क्षेत्र में विकास की दर 7.8 प्रतिशत दर्ज की गई है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में ये आंकड़ा 3.1 प्रतिशत था। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में विकास की दर 7.8 प्रतिशत रही है, पिछले साल ये आंकड़ा 7.1 प्रतिशत था।

आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शुक्रवार को कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर का आंकड़ा ‘निराशाजनक लगता’ है लेकिन चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही का आंकड़ा काफी बेहतर है। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर जुलाई-सितंबर तिमाही में 7.1 प्रतिशत रही जो तीन तिमाहियों में सबसे कम है।