बिहार भीम आर्मी के अध्यक्ष अमर आजाद ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि उनके समुदाय की सहानुभूति नीतीश कुमार के साथ तो है पर उन्हें वोट नहीं देंगे क्योंकि उन्हें वोट देने का मतलब है बीजेपी को वोट देना. उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में बीजेपी दलितों की नंबर वन दुश्मन है. उन्होंने कहा कि बीजेपी से दोस्ती करना नीतीश कुमार को भारी पड़ सकता है .
दलित नेता ने कहा कि उनका संगठन हर एक दलित के घर पहुंचकर 2019 के चुनाव से पहले यह संदेश देगा कि किसी भी सूरत में एनडीए को वोट न दें.उन्होंने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार के शासनकाल में देशभर में दलितों पर बहुत अत्याचार हुए हैं. जून 2017 से ही भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद रावन यूपी की जेल में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत बंद हैं. कैराना उप चुनाव में दलित-मुस्लिम लामबंदी की वजह से बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. तब बीजेपी के नेताओं ने आरोप लगाया था कि भीम आर्मी की वजह से ही इलाके में गठजोड़ हो सका था.
एनडीए के दलितों की राजनीति करने वाली लोक जनशक्ति पार्टी ने भी बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को अपना कड़ा तेवर दिखाया हैं. पार्टी अध्यक्ष रामविलास पासवान ने जहां गृह मंत्री को पत्र लिखकर एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस ए के गोयल को हटाने की मांग की है, वहीं उनके पुत्र और सांसद चिराग पासवान ने केंद्र सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि 8 अगस्त तक संसद में एससी-एसटी एक्ट के पुराने प्रावधानों को बहाल करने के लिए कानून बनाएं या अध्यादेश लगाएं. अन्यथा उनकी पार्टी 9 अगस्त से दलित संगठनों के प्रस्तावित विरोध-प्रदर्शन में शामिल होगी और पाटी की दलित सेना देशव्यापी आंदोलन करेगी.