मुख्यमंत्री के नेतृत्व में गोरखपुर ऊंची उड़ान पर,अब इसे मिलेगी राष्ट्रीय पहचान ?

लखनऊ,  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गोरखपुर ऊंची उड़ान भर रहा है। महानगर के टाउनहाल में हाल ही में लगी गारमेंट्स प्रदर्शनी की सफलता के बाद उत्साहित उद्यमी अब अक्तूबर माह में राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी की तैयारी में जुट गए हैं। मुख्यमंत्री के आगामी गोरखपुर दौरे पर उद्यमी इस प्रदर्शनी की रूपरेखा पर उनसे चर्चा कर, उसे मुकाम तक पहुंचाएंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्वांचल के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। सरकारी योजनाओं का सभी को अधिक से अधिक लाभ मिले, इसके लिए उनका प्रयास जारी है। इसी का नतीजा है कि एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) के तहत रेडीमेड गारमेंट्स को गोरखपुर के लिए दूसरे उत्पाद के रूप में मंजूरी दी गई है। उद्यमियों को भूमि आवंटन के लिए गीडा की ओर से प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। इस बारे में गीडा के सीईओ पवन अग्रवाल का कहना है कि भूमि की तलाश जारी है। मिलने पर नियमानुसार भूमि का आवंटन किया जाएगा।

चेंबर आफ इंडस्ट्रीज के गोरखपुर अध्यक्ष विष्णु प्रकाश अजीत सरिया का कहना है कि गोरखपुर के टेक्सटाइल को देश में पहचान मिले, इसके लिए प्रयास जारी है। गारमेंट्स की राष्ट्रीय प्रदर्शनी की तैयारी चंपा देवी पार्क में संभावित है। इसमें प्रयास होगा कि भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय की संस्था नॉदर्न इंडिया टेक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन (निट्रा) का भी स्टाल लगे। प्रदर्शनी के दौरान सेमिनार का भी आयोजन हो, जिससे यहां के उद्यमियों को आधुनिक मशीन और तकनीक की जानकारी हो सके। चेंबर आफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल का कहना है कि इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जा चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगामी दौरे पर उनसे मिलकर प्रस्ताव दिया जाएगा।

देश ही नहीं, विदेशों में भी उत्पाद पहुंचाने की योजना

गोरखपुर और बस्ती मंडल में करीब दो हजार छोटे-बड़े उद्यमी गारमेंट्स इंडस्ट्री से जुड़कर अपना कारोबार कर रहे हैं, वहीं इससे हजारों लोगों को रोजगार भी मिला है। अब सरकार इनके उत्पाद के लिए बाजार की व्यवस्था भी कर रही है। गोरखपुर के इन उद्योगों का उत्पाद देश ही नहीं, विदेशों में भी बिके, इसकी भी तैयारी की जा रही है। उद्यमियों की मंशा है कि प्रदर्शनी के साथ सेमिनार भी आयोजित हो, जिसमें न केवल राष्ट्रीय स्तर के सफल चेहरों की सहभागिता हो, बल्कि स्थानीय लोगों के उद्योग स्थापना और उसके विस्तार के बारे में नवीनतम तकनीक की जानकारी हो सके।

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