लखनऊ, उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डा. महेन्द्र सिंह ने कहा कि उ0प्र0 के मा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के सतत मार्गदर्शन तथा राज्य सरकार द्वारा की गई बाढ़ पूर्व तैयारियों से इस वर्ष बाढ़ की विभीषिका से 22.94 लाख हे0 भूमि को बचाया गया है। इसके साथ ही धन-जन की हानि पर भी नियंत्रण स्थापित करने में सफलता मिली है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि बाढ़ से बचाव के लिए आधुनिकतम तनीकी का प्रयोग करते हुए तटबंधों की सतत निगरानी तथा प्रभावित क्षेत्रों का लाइव माॅनीटरिंग की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करें।
जल शक्ति मंत्री आज सिंचाई विभाग के मुख्यालय के सभागार में राज्य बाढ़ नियंत्रण की स्थायी संचालन समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बाढ़ संबंधी कार्यों से जुड़े अधिकारी बाढ़ के दौरान स्थलीय भ्रमण एवं जन प्रतिनिधियों से निरन्तर विचार-विमर्श करके पहले से ही बचाव एवं राहत की योजनाएं तैयार करायें। उन्होंने बाढ़ से संबंधित 347 विभिन्न परियोजनाओं की बारीकी से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि नमामि गंगा परियोजना की तर्ज पर निर्माण स्थलों पर कैमरे लगाकर प्रगति की समीक्षा की जाय।
डा0 महेन्द्र सिंह ने बांध एवं तटबंधों की लगातार निगरानी न किये जाने पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि निर्माण के समय बांधों पर अवैध कब्जे की शिकायतें प्राप्त होती रहती हैं। उन्होंने बाढ़ से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिया कि अतिक्रमणों को चिन्हित कर जिला प्रशासन के सहयोग से खाली करायें। इसके साथ ही बाढ़ और नहर के कार्यों को जन अपेक्षाओं के अनुरूप सुनिश्चित करायें। उन्होंने कहा कि विभागीय कार्यों में भ्रष्टाचार मुक्त प्रणाली विकसित कर विभाग की छवि आम जनता में स्थापित करने के लिए हर संभव प्रयास करें।
डा0 सिंह ने सिंचाई विभाग की विभिन्न गतिविधियों में पूरी पारदर्शिता एवं समयबद्धता सुनिश्चित करने पर बल देते हुए कहा कि ईमानदार एवं कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों को संरक्षण दिया जायेगा। इसके साथ ही उदासीन एवं लापरवाह कर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई भी की जायेगी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की परफार्मेंस के आधार पर ग्रेडिंग सुनिश्चित की जायेगी। उन्होंने अधिकारियों से किसी के दबाव में काम न करने के निर्देश दिये।
बैठक में मौजूद राज्य मंत्री राजस्व एवं बाढ़ नियंत्रण श्री विजय कश्यप ने कहा कि बाढ़ कार्यों को प्राथमिकता देकर एवं एक सुदृढ़ निगरानी व्यवस्था विकसित करके हर साल होने वाले बाढ़ के नुकसान से प्रदेश की जनता को सुरक्षित रखा जा सकता है। उन्होंने बाढ़ संबंधी योजनाओं को पूरी निष्ठा से एवं गुणवत्ता के साथ पूरा करने के निर्देश दिये।
प्रमुख सिंचाई एवं जल संसाधन श्री टी. बेंकटेश ने बाढ़ से जुड़ी विभिन्न योजनाओं का विस्तार से व्यौरा प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रदेश के लगभग 40 जनपद बाढ़ से प्रभावित होते हैं जिसमे 24 अति संवेदनशील एवं 16 संवेदनशील हैं। बाढ़ कार्यों के लिए इस वर्ष समय से धनराशि अवमुक्त कर दी गयी थी, जिसके फलस्वरूप सभी निर्माण कार्य मानक के अनुरूप पूरे कराये गये, जिससे बाढ़ का प्रकोप कम करने में सफलता प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि बैठक में मा0 मंत्री जी द्वारा दिये गये निर्देशों का प्राथमिकता से अनुपालन सुनिश्चित कराया जायेगा।
विभागाध्यक्ष एवं प्रमुख अभियन्ता श्री ए0के0 श्रीवास्तव ने बाढ़ से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं की जानकारी एवं प्रगति के बारे में अवगत कराया। इसके अलावा मुख्य अभियन्ता श्री ए0के0 सिंह स्ट्रक्चरों के एलाइनमेन्ट को दुरूस्त रखने का सुझाव दिया। बैठक में विशेष सचिव सिंचाई सुश्री अपर्णा यू, डा0 सारिका मोहन व मुस्ताक अहमद तथा प्रमुख अभियन्ता परियोजना श्री बी0के0 निरंजन के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद थे।