नई दिल्ली, मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट 5 जुलाई को पेश होने वाला है। इससे पहले सरकार की ओर से कई ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं जिसका सीधा फायदा आम लोगों को मिलने वाला है। कर्मचारियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के मकसद से सरकार ने कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआइ) अधिनियम के तहत शेयर की दर को 6.5 से घटाकर 4 फीसद करने का फैसला किया है। इससे नियोक्ताओं का शेयर 4.75 से घटकर 3.25, जबकि कर्मचारियों का 1.75 से घटकर मात्र 0.75 फीसद रह जाएगा। घटी दरें पहली जुलाई से लागू होंगी। इससे 3.6 करोड़ कर्मचारियों तथा 12.85 लाख नियोक्ताओं को फायदा पहुंचेगा। इससे कंपनियों को सालाना 5,000 करोड़ रुपये की राहत मिलने की संभावना है।
श्रम मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक ‘सरकार ने कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम के तहत योगदान की दर को 6.5 से घटाकर चार फीसद करने का फैसला किया है। इससे कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी। अब नियोक्ता अधिक कर्मचारियों को ईएसआइ स्कीम का सदस्य बनाने के लिए प्रेरित होंगे। साथ ही असंगठित क्षेत्र के ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी संगठित क्षेत्र का हिस्सा बनेंगे। इससे नियोक्ताओं पर वित्तीय बोझ कम होगा और उन्हें कारोबार चलाने में आसानी होगी जो ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के लिए जरूरी है। इससे श्रम कानूनों के अनुपालन को बढ़ावा भी मिलेगा।’
वर्तमान में 12.85 लाख नियोक्ताओं तथा 3.6 करोड़ कर्मचारियों द्वारा ईएसआइ स्कीम में हर साल लगभग 22,279 करोड़ रुपये का योगदान किया जाता है। ईएसआइ एक्ट, 1948 के तहत बीमा के दायरे में आने वाले कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधा के अलावा नकदी, मातृत्व, दिव्यांगता तथा आश्रित श्रेणी के तहत अनेक लाभ मिलते हैं। इसके लिए कर्मचारी और नियोक्ता दोनो अपने अपने हिस्से से शेयर देते हैं। केंद्रीय श्रम मंत्रालय शेयर की दर का निर्धारण करता है।