नई दिल्ली, केंद्र सरकार के कर्मचारी सातवें वेतन आयोग पर कुछ अच्छी खबर की उम्मीद कर रहे हैं. भारत की नई वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण को पदभार संभालने के बाद इस मुद्दे के बारे में बताया गया. विचार-विमर्श हुआ लेकिन सवाल यह है कि जुलाई में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए कोई बड़ा फैसला होगा या नहीं.
सूत्रों ने मीडिया से बात करते हुए इस बारे में जानकारी दी और बताया कि इस मुद्दे पर कुछ बड़ी खबरों की संभावना है. पहली प्राथमिकता भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना होगा, जिसने 2018-19 में 6.8 प्रतिशत की 5 साल की कम वृद्धि हासिल की. इसके अलावा कई और बड़े फैसले लिए जा सकते हैं जिनके बारे में चुनाव से पहले चर्चा की गई है. इनमें एक फैसला सरकारी कर्मचारियों के लिए भी हो सकता है.
सूत्रों ने हालांकि कहा कि इस मुद्दे को पूरी तरह से नजरअंदाज नहीं किया जाएगा. सरकार खर्च को बढ़ावा देने के लिए वृद्धि पर विचार कर रही है, जो बदले में अर्थव्यवस्था को बढ़ने में मदद करेगी. यह उन मुख्य मुद्दों में से एक है जो नई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हाल ही की बैठक के दौरान व्यय समिति द्वारा सामने रखा गया था.
सूत्रों ने इस बारे में भी जानकारी दी है कि महंगाई भत्ते से संबंधित मुद्दे पर भी गौर किया जा रहा है. सरकारी कर्मचारी अपने डीए में चार प्रतिशत वृद्धि की मांग कर रहे हैं. यदि यह प्रदान किया जाता है कि यह 16 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा और वेतन पैनल की सिफारिशें लागू होने के बाद यह सबसे बड़ी वृद्धि होगी. सातवें वेतन आयोग ने 18,000 रुपये के मूल न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की सिफारिश की थी. सरकारी कर्मचारियों की मांग है कि इसे 26,000 रुपये तक बढ़ाया जाए.