नयी दिल्ली, राज्यसभा ने भारतीय चिकित्सा पद्धति के प्रचार प्रसार के आश्वासन के साथ होम्योपैथी केन्द्रीय परिषद (संशोधन) 2020 विधेयक और भारतीय चिकित्सा केन्द्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक 2020 को आज ध्वनिमत से पारित कर दिया।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने इन दोनों विधेयकों पर एक साथ हुयी चर्चा का जबाव देते हुये कहा कि सरकार भारतीय चिकित्सा पद्धति के प्रचार प्रसार के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व्यक्तिगत स्तर पर इसको वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने में लगे हुये हैं और भारतीय चिकित्सा पद्धति को पूरी दुनिया में लोकप्रिय बनाने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति और योग को भी प्राथमिकता दी जा रही है और इसके लिए अलग अायोग बनाने की तैयारी चल रही है। इस पर काम जारी है। उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय को लेकर कई सवाल उठाये गये हैं। उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय को जिस उद्देश्य से गठन किया गया था वह अपने उद्देश्यों को पूरा करने में सफल रहा है।
मंत्री ने कहा कि आयोग के संचालक मंडल में किसी तरह का आरक्षण का प्रावधान नहीं है और इसमें किसी जाति या मजहब के नाम पर किसी को पद देने का प्रावधान नहीं है।
केन्द्रीय मंत्री ने इससे पहले दोनों विधेयक पेश करते हुए कहा कि होमियोपैथी परिषद अपने दायित्वों को पूरा करने में विफल रहा और उस पर अनियमितताएं, पारदर्शिता का अभाव तथा भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। इसलिए परिषद के स्थान पर संचालक मंडल की स्थापना की गयी थी।
इसके बाद सदन ने इन दोनों विधेयकों को ध्वनिमत से पारित कर दिया जो होम्योपैथी केन्द्रीय परिषद (संशोधन) अध्यादेश और भारतीय चिकित्सा केन्द्रीय परिषद (संशोधन) अध्यादेश का स्थान लेंगें। इसके पहले इलामारम करीम, के के रागेश, विनय विश्वम और केसी वेणुगोपाल ने पिछले दिनों जारी होमियोपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) अध्यादेश तथा भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (संशोधन) अध्यादेश को नामंजूर करने के लिए संकल्प पेश किया जिसे अस्वीकृत कर दिया गया ।