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यूपी में सरकारी विभागों में, आउटसोर्सिग भर्तियों पर लगी रोक

लखनऊ, यूपी में सरकारी विभागों में, आउटसोर्सिग भर्तियों पर रोक लगा दी गई है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ ने अहम फैसला देते हुए पूरे प्रदेश में नियमित स्वीकृत पदों पर आउटसोर्सिंग से हो रही भर्तियों पर रोक लगा दी है । उच्च न्यायालय ने कहा है कि सेवा प्रदाता फर्मो के जरिये धड़ल्ले से हो रही भर्तिया कानून की मंशा के खिलाफ है।

न्यायमूर्ति मुनीस्वर नाथ भंडारी व न्यायमूर्ति विकास कुँवर श्रीवास्तव की पीठ ने याची मेसर्स आर एम एस टेक्नोसलूशन लिमिटिड की ओर से दायर याचिका पर आज यह आदेश दिए । याची ने याचिका दायर कर मांग की है कि सरकार ने उसका रजिस्ट्रेशन खारिज कर दिया है । जिसे बहाल किया जाए । अदालत ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार से जानकारी मांगी । अदालत ने जानना चाहा कि आउट सोर्सिग से नियमित पदों के सापेक्ष संविदा या कांट्रैक्ट पर किस तरह से भर्तियां हो रही है ।

अदालत ने यह भी जानना चाहा कि उच्चतम न्यायालय के उमा देवी के केस के बाद 13 वर्ष बीत चुके हैं । कहा कि इस मामले में पदों को भरे जाने संबंधी सरकार की क्या नीति है । सुनवाई के समय यह बात भी आई कि आउटसोर्सिग से भर्ती किया जाना न्यायोचित नहीं है । सरकार की ओर से बताया गया कि इस मामले में सरकार नीति बना रही है । और शीघ्र ही भर्ती की नीति बन जाएगी । अदालत ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए पूरे प्रदेश में मैन पवारसप्लाई से सरकारी दफ्तरों में भर्तियों पर रोक लगा दी है । अदालत ने एक सप्ताह में सरकार से स्पस्टीकरण मांगते हुए अगली सुनवाई 27 नवम्बर को नियत की है ।