लखनऊ, हाथरस में दरिंदगी की शिकार युवती की मौत से गरमाई उत्तर प्रदेश की सियासत के बीच कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की संवेदनहीनता के चलते पीड़िता की जान चली गयी। दलित शोषित समाज से आने के कारण ही सरकार ने उचित इलाज मुहैया नहीं कराया और मुआवजा भी नहीं दिया।
श्रीमती श्रीनेत ने मंगलवार को यहां वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि आठ दिनों तक पीड़िता की एफआईआर दर्ज नहीं की गयी और पीड़िता को समुचित इलाज के लिए एयरलिफ्ट करके एम्स भी नहीं ले जाया गया जो सरकार की संवेदनहीनता दर्शाती है। सरकार अपराधियों को लगातार बचाती रही और सरकार आधिकारिक तौर पर घटना को फर्जी बताती रही। मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार घटना को लगातार फेक न्यूज साबित करने में जुटे रहे। दलित शोषित समाज से आने के कारण ही सरकार ने उचित इलाज मुहैया नहीं कराया, न्याय नहीं मिलने दिया और मुआवजा भी नहीं दिया।
उन्होने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सवाल किया कि आखिर इस घटना पर वे चुप क्यों हैं। बात-बात पर ट्वीट करने वाले भाजपा सांसद एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस वीभत्स एवं दुःखद घटना पर मौन क्यों हैं। इस घटना पर भाजपा का मौन बीजेपी का दोगलापन और दोहरी नीति दर्शाती है। जब तक ऐसे अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा नहीं मिलेगी तब तक अपराध बन्द नहीं होंगे। उन्होने कहा कि
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि यूपी की एक और दलित बेटी हैवानियत का शिकार होकर जिन्दगी की जंग हार गयी। प्रदेश में अपराध सिर चढ़कर बोल रहा है। जंगलराज एवं गुण्डाराज कायम हो चुका है, यह अधिकारी, अपराधी और सरकार के गठजोड़ का भयावह परिणाम है।
उन्होने एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि महिलाओं पर पर होने वाले अपराधों में 20प्रतिशत का इजाफा हो रहा है और लगभग 11 बलात्कार की घटनाएं औसतन प्रतिदिन हो रही हैं। उन्होने राज्यपाल से सीधा प्रश्न करते हुए कहा कि वह उत्तर प्रदेश की कानून की दुव्र्यवस्था पर चुप क्यों हैं। आखिर महिलाओं पर लगातार हो रहे अत्याचार पर उनका एक भी बयान क्यों नहीं आया। प्रदेश में कोई महिला सुरक्षित नहीं है ऐसे में वह किसके साथ खड़ी हैं-अन्यायी सरकार के साथ या प्रदेश की जनता के साथ।