नयी दिल्ली , सरकार ने पुराने ड्रोनों के पंजीकरण के लिए ड्रोन मालिकों को एक और मौका देते हुये कहा है कि अवैध रूप से ड्रोन रखने वालों पर कार्रवाई की जायेगी।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक सार्वजनिक सूचना जारी करते हुये अवैध रूप से ड्रोन रखने वालों को पंजीकरण के लिए दुबारा मौका दिया है। उसने कहा है कि ड्रोन का पंजीकरण नहीं कराने पर ड्रोन मालिकों पर कार्रवाई की जा सकती है। इससे पहले जनवरी में एक बार यह मौका दिया जा चुका था, लेकिन उस समय अनुमान से काफी कम संख्या में ड्रोनों का पंजीकरण कराया गया था।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा ‘सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स’ में बदलाव के बाद देश में ड्रोनों के परिचालन के लिए उनका पंजीकरण अनिवार्य हो गया है। इस साल जनवरी में सरकार ने पुराने ड्रोनों के मालिकों को पंजीकरण का मौका दिया था। उन्हें 14 से 31 जनवरी के बीच डीजीसीए के ‘डिजिटलस्काई’ पोर्टल पर पंजीकरण कराने के लिए कहा गया था। साथ ही यह भी कहा गया था कि जनवरी के बाद बिना पंजीकरण वाले ड्रोनों को अवैध माना जायेगा और उनके मालिकों पर कार्रवाई की जायेगी।
उस समय मात्र 20 हजार ड्रोनों का ही पंजीकरण कराया गया था। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया था कि अनुमान के मुताबिक देश में तीन से चार लाख पुराने ड्रोन हैं और इस प्रकार मात्र पाँच प्रतिशत ने ही पंजीकरण कराया है।
मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी सार्वजनिक सूचना में किसी अंतिम तिथि का उल्लेख नहीं किया गया है। इसमें जल्द से जल्द पंजीकरण कराने के लिए कहा गया है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि सिर्फ ड्रोन का पंजीकरण कराने से ही ड्रोन मालिक को इसके परिचालन की अनुमति नहीं मिल जाती। इसके लिए उन्हें डीजीसीए द्वारा तय नियमों के तहत अनुमति लेनी होगी।